नई दिल्ली, यूको बैंक में 820 करोड़ रुपये के आईएमपीएस घोटाले के सिलसिले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राजस्थान और महाराष्ट्र के सात शहरों के 67 स्थानों पर छापेमारी की। यूको बैंक से मिली शिकायत के आधार पर सीबीआई ने बीते साल नवंबर में यह मामला दर्ज किया था।
आरोप है कि बीते साल 10 से 13 नवंबर के बीच यूको बैंक के 41,000 खाताधारकों के खातों में अचानक 820 करोड़ रुपये की राशि जमा हो गई। इस मामले में एक तरफ जहां खातों में यह राशि जमा हो गई, वहीं दूसरी ओर उन खातों से कोई डेबिट दर्ज नहीं हुआ जहां से यह राशि मूल रूप से ट्रांसफर हुई थी।
इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में चली छापेमारी के तहत पहले कोलकाता और मंगलूर सहित कई शहरों में 13 परिसरों पर छापेमारी की गई। रिपोर्ट्स की मानें तो केवल तीन दिन के भीतर आईएमपीएस के जरिए 8.53 लाख से अधिक लेनदेन हुए थे, जिसमें निजी बैंकों के 14,000 खाताधारकों से 820 करोड़ रुपये और यूको बैंक के खाताधारकों के 41,000 खातों में पहुंचे। हैरानी की बात है कि मूल बैंक खातों से कोई भी राशि डेबिट दर्ज नहीं हुई और कई खाताधारकों ने अपने खातों में अचानक आई राशि को निकाल लिया।
अधिकारियों के अनुसार, बीते साल यूको बैंक की शिकायत पर बैंक में काम करने वाले दो सहायक इंजीनियरों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सीबीआई के मुताबिक, उस तलाशी के दौरान, मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर सिस्टम, ईमेल संग्रह और डेबिट या क्रेडिट कार्ड सहित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए गए थे।
सीबीआई के मुताबिक, “यह आरोप लगाया गया है कि 10 नवंबर और 13 नवंबर के बीच, सात निजी बैंकों के 14,000 खाताधारकों से आईएमपीएस के जरिए होने वाले लेनदेन से संबंधित राशि आईएमपीएस चैनल के माध्यम से यूको बैंक के 41,000 खाताधारकों के खाते में पहुंच गई।” सीबीआई के प्रवक्ता के मुताबिक, “आरोप लगाया गया है कि इस जटिल नेटवर्क में 8,53,049 लेनदेन शामिल हैं और यह लेनदेन गलती से यूको बैंक के खाताधारकों के रिकॉर्ड में दर्ज हो गया, जबकि मूल बैंकों ने लेनदेन को विफल के रूप में दर्ज किया था।”
उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया है कि कई खाताधारकों ने इस स्थिति का फायदा उठाया और अनुचित लाभ उठाते हुए विभिन्न बैंकिंग माध्यमों से यूको बैंक से अवैध रूप से धन निकाल लिया।