करनूल, आंध्र प्रदेश के कर्नूल में शुक्रवार तड़के हुए भयानक बस हादसे की भयावह तस्वीर धीरे-धीरे सामने आ रही है। बेंगलुरु जा रही प्राइवेट बस में आग लगने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई।
अब इस पूरे कांड में एक नया और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है जिसने सबको हैरान कर दिया।
बता दें कि बस में कुल 44 लोग सवार थे। यह हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर कर्नूल के बाहरी इलाके में हुआ, जब बस की टक्कर एक मोटरसाइकिल से हुई। ज्यादातर यात्री सो रहे थे, जिससे हादसा और भयानक बन गया।
स्मार्टफोन ने बढ़ाई आग?
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, बस में 234 रियलमी स्मार्टफोन थे, जिनकी कीमत लगभग 46 लाख रुपये बताई गई है। यह खेप हैदराबाद के व्यवसायी मंगनाथ द्वारा फ्लिपकार्ट के लिए बेंगलुरु भेजी जा रही थी। फॉरेंसिक विशेषज्ञों का कहना है कि स्मार्टफोन की बैटरी फटने से आग की तीव्रता बढ़ी।
आग लगने के दौरान बस के दरवाजे शॉर्ट सर्किट की वजह से जाम हो गए। बस के कुछ यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर अपनी जान बचाई। 20 यात्रियों ने इसी तरह बाहर निकलने में कामयाबी पाई।
पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने बस के दो ड्राइवरों के खिलाफ लापरवाही और ओवर-स्पीडिंग के मामले दर्ज किए हैं। एक यात्री एन रमेश की शिकायत के बाद यह कार्रवाई हुई। पुलिस का कहना है कि हादसे के समय बस चला रहे ड्राइवर लक्ष्मैया घटनास्थल से फरार हो गए थे, जबकि दूसरे ड्राइवर शिव नारायण को हिरासत में लिया गया है। शिव नारायण पर कई बार बयान बदलने का आरोप भी है।
आगे की जांच
जांच जारी है कि स्मार्टफोन की खेप ने कितनी आग फैलाने में योगदान दिया। साथ ही, यह पता लगाया जा रहा है कि ड्राइवरों की लापरवाही और ओवर-स्पीडिंग हादसे के लिए कितनी जिम्मेदार है। इस हादसे ने न केवल कर्नूल बल्कि पूरे देश को हिला दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल बैटरियों और पेट्रोल के मिश्रण से हुई आग बेहद खतरनाक थी, और अगर समय पर बचाव नहीं होता, तो नुकसान और बढ़ सकता था।




