Godrej के हुए दो हिस्से, 127 पुराना इतिहास, समझौते पर हुए हस्ताक्षर

नई दिल्ली , 127 साल पुराना गोदरेज परिवार अब दो हिस्सों में विभाजित हो चुका है। बंटवारे के लिए एक समझौते पर हुए हस्ताक्षर के बाद जारी बयान के मुताबिक आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर को गोदरेज इंडस्ट्रीज का अधिकार मिला है।

इसकी पांच कंपनियां सूचीबद्ध हैं। आदि गोदरेज के चचेरे भाई-बहन जमशेद और स्मिता को गैर-सूचीबद्ध कंपनी गोदरेज एंड बॉयस का मालिकाना हक मिलेगा। इन दोनों को गोदरेज एंड बॉयस से जुड़ी कंपनियों के साथ-साथ मुंबई में बड़ा भूखंड और महत्वपूर्ण संपत्ति भी मिलेगी। बता दें कि गोदरेज ग्रुप का कारोबार साबुन और घरेलू उपकरणों से लेकर रियल एस्टेट तक फैला है।

किन हिस्सेदारों के बीच बंटा पूरा कारोबार
गोदरेज समूह की तरफ से जारी बयान के मुताबिक समूह को संस्थापक परिवार की दो शाखाओं के बीच विभाजित किया गया है। इसमें एक हिस्सा 82 वर्षीय आदि गोदरेज और उनके 73 साल के भाई नादिर को मिलेगा। दूसरी तरफ इनके चचेरे भाई-बहन; 75 साल के जमशेद गोदरेज और 74 साल की स्मिता गोदरेज कृष्णा हैं।

कंपनी ने बयान में कहा, विरासत के प्रति प्रतिबद्ध हैं दोनों पक्ष
बंटवारे की प्रक्रिया को गोदरेज परिवार ने गोदरेज कंपनियों में शेयरधारकों के मालिकाना हक का पुनगर्ठन बताया है। बयान में कहा गया कि दोनों समूह गोदरेज ब्रांड का उपयोग जारी रखेंगे। बंटवारे के बावजूद दोनों पक्ष अपनी साझा विरासत को बढ़ाने और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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