लखनऊ, राजधानी में दीपावली के अवसर पर लखनवाइट्स द्वारा जमकर पटाखे फोड़े गये, लेकिन इस दौरान लोगों द्वारा बरती गई लापरवाही का नतीजा भी उनको भुगतना पड़ा। जहां आतिशबाजी के दौरान करीब 300 से अधिक घायल अस्पताल पहुंचे।
इसमें अधिकतर मरीज पटाखों से जलने वाले थे जबकि दर्जनों घायलों को भर्ती करना पड़ा।
केजीएमयू
37 मरीज लाए गए
केजीएमयू में सबसे ज्यादा गंभीर अवस्था में मरीज भर्ती किए गए। ट्रामा सेंटर के सीएमएस डॉ. प्रेमराज ने बताया कि करीब 37 मरीज लाए गए। इनमें 18 मरीजों को प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिफ्ट कर भर्ती कराया गया। वहीं, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड डॉ. विजय कुमार के मुताबिक, बीते साल के मुकाबले इस बार गंभीर मरीजों की संख्या अधिक रही। आठ मरीजों का चेहरा पटाखे व आग में झुलस गया। प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि पटाखे व आग की घटनाओं में 37 जख्मी लोगों को केजीएमयू लाया गया। इसमें 19 मरीजों को ट्रॉमा इमरजेंसी से इलाज के बाद घर भेज दिया गया, बाकियों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। वहीं, लोहिया संस्थान में 53 से ज्यादा घायलों को इमरजेंसी में लाया गया। संस्थान के सीएमएस डॉ. विक्रम सिंह सबसे ज्यादा आग व पटाखे में झुलसे लोगों को इमरजेंसी में लाया गया।
बलरामपुर अस्पताल
49 लोग हुए हादसे का शिकार
बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि दीपावली के दौरान कुल 67 लोगों को पटाखे व आग में झुलसने के बाद इमरजेंसी में लाया गया। इसमें 49 लोग सड़क हादसे व पटाखे के शिकार हुए थे, जबकि 33 लोगों को टांके लगाए गए और छह मरीजों के आंखों में चोटे आईं थीं। वहीं, दीपक से आग लगने से एक शख्स झुलस गया था। उसे इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। अस्पताल में सभी घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम मरीजों की देख-रेख कर रही है।
सिविल अस्पताल
135 बर्न मरीज पहुंचे
सिविल अस्पताल में बीते 48 घंटे में 135 बर्न मरीजों को लाया गया। सीएमएस डॉ. डीसी पांडे ने बताया कि दीवाली वाले दिन सर्वाधिक 83 मरीज बर्न के मरीज आये थे। केवल दो मरीजों को ही भर्ती करने की जरूरत पड़ी थी। ज्यादातर लोगों को पटाखे से झुलसने के बाद लाया गया था।
लोकबंधु अस्पताल
28 जख्मी लोगों को लाया गया
लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि आग में झुलसे 28 जख्मी लोगों को लाया गया था। समें 24 पुरुष व 4 महिलाएं रहीं, जबकि आठ लोगों को आंख में मामूली चोट लगने के बाद इमरजेंसी में लाया गया। नेत्र रोग विशेषज्ञों के इलाज के बाद मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। चार अन्य घायलों को पेट, हाथ व हड्डी से जुड़ी चोटें आई हैं।




