कव्वाली के जश्न में झूम उठे संगीत प्रेमी, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की ओर से हुआ कार्यक्रम

लखनऊ, संत गाडगे ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की ओर से कव्वाली की शानदार शाम सजी। कार्यक्रम में शिवम मिश्रा और पार्टी कलाकारों ने तरह-तरह की कव्वालियां सुनाकर दर्शकों को खूब प्रभावित किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सचिव आदिल हसन ने बताया कि उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी निरंतर उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों और योजनाओं को उर्दू भाषा के जरिए प्रचारित एवं प्रसारित करती रही है l अकादमी लगातार सेमिनार, ड्रामा, कव्वाली, गजल और अन्य कार्यक्रम कर सरकार की नीतियों का भी प्रसार करती रहती है l

 

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश आर्टिस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि हमारी संस्था निरंतर उर्दू भाषा को ड्रामा कव्वाली व गजल के जरिए रूबरू करा रहे हैं। वामिक खान ने बताया कि कव्वाली हमारे उत्तर प्रदेश की अनूठी परंपरा रही है। शिवम मिश्रा जैसे कलाकार जो कि उत्तर प्रदेश के हैं। वे हमारे उत्तर प्रदेश की संस्कृति एवं सभ्यता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत कर रहे हैं l इस अवसर पर पूर्व सचिव एस रिजवान, संतोष मिश्रा, अब्दुल वहीद, जुबेर अहमद, मुर्तजा अली, प्रदीप तिवारी, ओम पटेल, मास अहमद, मोहम्मद आमिर, मुमताज अहमद, आरिफ खान, प्रिंस आर्य, सुफियान बाग, संतराम यादव, रईस अहमद, ज्ञानेश्वर शर्मा, एसपी सिंह सहित अन्य मौजूद हरे।

कार्यक्रम में शिवम मिश्रा व उनके साथी कलाकारों ने कार्यक्रम का आगाज नुसरत फतेह अली खान का गाई गजल ‘बीबा साडा दिल मोर दे…’ से किया। इसके बाद उनकी ही चर्चित कव्वाली ‘आफरीन…’ और ‘अर्जियां सारी…’ सुनाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लगातार एक के बाद शानदार कव्वालियों की प्रस्तुति में शिवम व साथी कलाकारों ने ‘दमादम मस्त कलंदर…’ ‘सादगी..’ ‘पिया हाजी अली…’ जैसी कव्वालियां सुनाकर खूब प्रभावित किया।

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