शराब के कारण पिछले साल कैंसर के पांच प्रतिशत नए मामले आये

नई दिल्ली, देश में पिछले साल मिले कैंसर के नए मामलों में पांच फीसदी का कारण शराब पीना रहा। लैंसेट ओंकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, ऐसे मरीजों की संख्या 62,100 से ज्यादा रही, जो देश में शराब के तेजी से बढ़ रहे उपयोग को दिखाती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर साल 2020 में शराब पीने के कारण कैंसर का शिकार होने वालों की संख्या 7,41,300 से ज्यादा रही, जो कुल नए कैंसर मामलों का चार फीसदी हिस्सा है।

शोध के मुताबिक, शराब पीने के कारण कैंसर होने वाले मामलों में 77 फीसदी हिस्सेदारी पुरुषों की है, जबकि इसका शिकार होने वाली महिलाएं कुल मामलों का 23 फीसदी हैं। 5,68,700 पुरुषों में, 1,72,600 महिलाओं में शराब पीने के कारण कैंसर का असर पाया गया।

शराब यानी अल्कोहल सेवन के कारण ग्रासनली, लीवर और स्तन में कैंसर के मामले सबसे ज्यादा संख्या में पाए गए हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछले सालों के आंकड़ों के आधार पर पाया गया कि 2020 में मुंह, ग्रासनली, गला, आंत, मलाशय, लीवर और स्तन कैंसर के 63 लाख मामले थे। 2020 में किए गए अपनी तरह के पहले शोध में इन कैंसरों का शराब सेवन से स्पष्ट सा सीधा संबंध पुष्ट हुआ है।

फ्रांस की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) के हैरियट रूमागे के मुताबिक, रुझान बताते हैं कि बहुत सारे यूरोपीय देशों में प्रति व्यक्ति शराब की खपत घटी है, जबकि चीन और भारत जैसे एशियाई देशों व सहारा क्षेत्र के अफ्रीकी देशों में अल्कोहल सेवन का उपयोग बढ़ा है। साथ ही यह भी सबूत मिले हैं कि कोविड-19 महामारी के दौरान कुछ देशों में शराब पीने की दर बढ़ी है।

Related Posts