नई दिल्ली, क्रिप्टोकरेंसी में लोग काफी इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं और इसपर लोग खूब चर्चा भी कर रहे हैं. जहां एक ओर क्रिप्टो करेंसी में लोग खूब रुचि ले रहे हैं वहीं हैकर्स इसका फायदा उठाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
इसके लिए वो यूजर्स को मैलिशियस ऐप्स को इंस्टॉल करने के लिए बोलते हैं जिसमें खतरनाक मालवेयर और ऐडवेयर होते हैं और इसको इंस्टॉल करते ही यूजर्स बच्चों के डेटा हैक हो जाता है. लेकिन गूगल ने ऐसे कई ऐप्स की पहचान कर उसे प्ले स्टोर से रिमूव कर दिया है।
गूगल ने कुल 8 खतरनाक ऐप्स को प्ले स्टोर से रिमूव कर दिया है जो खुद को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग ऐप्स के रूप में
दिखा रहे थे. इसमें यूजर्स से इन्वेस्ट करने पर तगड़ा मुनाफा कमाने की बात कही जा रही थी. सिक्योरिटी फर्म ट्रेंड माइक्रो ने अपने एनालिसिस पर बेस्ड रिपोर्ट में कहा है कि ये 8 मैलिशियस ऐप लोगों को ऐड्स के बहानें दोखा दे रहे थे, सब्सक्रिप्शन सर्विसेज के लिए भुगतान कर रहे थे जिनकी औसत मासिक शुल्क 15 डॉलर (लगभग 1115 रुपये) है, और बिना कुछ प्राप्त किए बढ़ी हुई माइनिंग कैपेबिलिटीज के लिए भुगतान कर रहे थे।
ट्रेंड माइक्रो ने इस बात की जानकारी गूगल प्ले को दी और गूगल ने तुरंत इसे रिमूव कर दिया. इसमें गौर करने वाली बात यह है कि गूगल ने भले ही प्ले स्टोर से इन ऐप्स को रिमूव कर दिया हो लेकिन हो सकता है कि आपके फोन में यह ऐप अभी भी इंस्टॉल हो. ऐसे में अगर आपने इन ऐप्स को इंस्टॉल कर रखा है तो उसे तुरंत डिलीट करने की जरूरत है. ये हैं वो 8 खतरनाक ऐप्स…
— BitFunds – Crypto Cloud Mining
— Bitcoin Miner – Cloud Mining
— Bitcoin (BTC) – Pool Mining Cloud Wallet
— Crypto Holic – Bitcoin Cloud Mining
— Daily Bitcoin Rewards – Cloud Based Mining System
— Bitcoin 2021
— MineBit Pro – Crypto Cloud Mining & btc miner
— Ethereum (ETH) – Pool Mining Cloud
रिसर्च साइट ने कहा कि इनमें से दो ऐप्स ऐसे हैं जो पेड ऐप थे जिसे यूजर्स को खरीदना है. Crypto Holic – Bitcoin Cloud Mining ऐप को डाउनलोड करने के लिए यूजर्स को 12.99 ( लगभग 966 रुपये) देने होते हैं. वहीं Daily Bitcoin Rewards – Cloud Based Mining System को डाउनलोड करने के लिए यूजर्स को 5.99 डॉलर ( लगभग 445 रुपये) देने पड़ते हैं।
इसके अलावा ट्रेंड माइक्रो ने यह भी कहा कि अभी भी 120 फेक क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग ऐप ऑनलाइन उपलब्ध हैं. कंपनी ने अपने ब्लॉग में कहा कि इन ऐप्स के पास क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग की क्षमता नहीं है और ये यूजर्स को इन-ऐप ऐड्स देखने के बहाने धोखा दते हैं. इससे जुलाई 2020 से जुलाई 2021 तक करीब 4500 यूजर्स प्रभावित हुए हैं।