भोपाल, अब सोशल मीडिया पर रील बनाकर या ब्रांड डील से कमाई करने वालों को इनकम टैक्स देना होगा। आयकर विभाग ने कंटेंट क्रिएटर्स के लिए नया प्रोफेशनल कोड 16021 लागू किया है। इसके तहत अब हर लाइक, व्यू और ब्रांड प्रमोशन से होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा।
कैसे देना होगा टैक्स?
- डिजिटल प्लेटफॉर्म से होने वाली आय को अब ITR-3 या ITR-4 फॉर्म में दर्ज करना अनिवार्य।
- धारा 44 ADA के तहत अनुमानित आय पर टैक्स छूट का लाभ ITR-4 में मिलेगा।
- अगर सालाना आय 50 लाख रुपए से कम है तो 50% यानी 25 लाख पर टैक्स लगेगा।
- 50 लाख से ज्यादा इनकम वालों को ऑडिट भी कराना होगा।
क्यों किया बदलाव? अब तक ज्यादातर इन्फ्लुएंसर अपनी कमाई को अन्य प्रोफेशनल कैटेगरी में दिखाते थे। इससे आयकर विभाग को उनका असली पेशा और आय का स्रोत पता नहीं चलता था।
देश में इन्फ्लुएंसर्स की संख्या 2020 में देश में करीब 10 लाख इन्फ्लुएंसर थे, जो 2024 में बढ़कर 40 लाख से ज्यादा हो गए।
टॉप इंडियन इन्फ्लुएंसर्स
- कैरी मिनाटी – 21.3M
- भुवन बाम – 20.8M
- अमित भड़ाना – 9.8M
- प्रजकता कोली – 8.8M
- जाकिर खान – 7.8M
मध्य प्रदेश के टॉप इन्फ्लुएंसर्स
- पायल धरे – 4M
- नमन देशमुख – 3.6M
- ऋत्विक धनजानी – 3M
- तान्या मित्तल – 2.8M