EVM को लेकर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, चुनाव आयोग को दे डाले ये निर्देश

नई दिल्ली, ईवीएम के वेरिफिकेशन से जुड़ी एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से जवाब दाखिल करने को कहा है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की इस याचिका में मांग की गई है कि अदालत चुनाव आयोग को ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी की जांच के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाने को कहे।

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मार्च के पहले सप्ताह में सुनवाई की बात कही है।

कोर्ट ने ये भी कहा है कि जिन जगहों पर हाल ही में चुनाव हुए हैं, उनके ईवीएम का डेटा चुनाव आयोग फिलहाल न मिटाए और न ही उसमें नया डेटा लोड करे।

पिछले साल भी दिया था आदेश

दायर याचिका में पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले का भी हवाला दिया गया है। इस फैसले में अदालत ने बैलेट पेपर यानी मतपत्र के ज़रिए चुनाव की पुरानी व्यवस्था बहाल करने से इनकार कर दिया था। साथ ही, वीवीपैट की सभी पर्चियों को गिनने की मांग को भी कोर्ट ने ठुकरा दिया था। लेकिन अदालत ने बेहतर पारदर्शिता के लिए चुनाव परिणाम घोषित होने के 1 सप्ताह के अंदर ईवीएम के बर्न्ट मेमोरी की जांच की इजाजत दी थी।

ADR द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग के मौजूदा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP)में ईवीएम की बेसिक जांच तथा मॉक पोल्स का ही निर्देश है। याचिका में कहा गया था कि आयोग ने अब तक बर्न्ट मेमोरी की जांच को लेकर प्रोटोकॉल नहीं बनाया है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इलेक्शन कमीशन को निर्देश दिया जाए कि वो ईवीएम के चारों हिस्सों कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट, वीवीपैट तथा सिंबल लोडिंग यूनिट के माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए प्रोटोकॉल लागू करे।

बता दें कि विपक्ष लगातार ईवीएम को लेकर सवाल उठा रहा है और चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहा है। चुनाव आयोग पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। जानकारी हो कि पिछले दिनों अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को मरा हुआ तक बता दिया था।

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