बहराईच, उत्तर प्रदेश के बहराइच में हो रही हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार हमला किया है। पूछा कि लाउडस्पीकर पर क्या बज रहा था, यह देखना किसकी जिम्मेदारी थी। इसके साथ ही कहा कि चुनाव का आना और साम्प्रदायिक माहौल का बिगड़ जाना, ये इत्तफ़ाक़ नहीं है।
जनता सब समझ रही है।बहराइच के साथ ही वाराणसी के प्रसिद्ध नाटी इमली के भरत मिलाप में हुए लाठीचार्ज को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि इन घटनाओं के लिए सीधे-सीधे शासन और प्रशासन जिम्मेदार है। इसके लिए जिम्मेदार इनकी वोट की राजनीति हैं। ये लोग जानबूझ कर यह सब करवा रहे हैं। कभी किसी के खिलाफ बयान दिलवा देना, कभी चैनलों पर झगड़ा करवा देना। यह लोग समाज को बांटकर राजनीतिक लाभ कमाना चाहते हैं। इन पर लगाम तभी लगेगी जब यह सरकार हटेगी।
लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि सबसे पहले यह अपील है कि जो-जो पक्ष हैं, सभी लोग ऐसा काम करें जिससे कानून व्यवस्था बनी रहे। सरकार को न्याय करना चाहिए। एक चौकी इंचार्ज या कोई और छोटा अधिकारी हट जाए, उससे कानून व्यवस्था नहीं संभलेगी।अखिलेश ने सवाल किया कि जब विसर्जन जुलूस निकलना था तो प्रशासन को उसका रूट पता होना चाहिए था। उस रूट पर सुरक्षा है या नहीं है, पर्याप्त पुलिस है या नहीं और लाउडस्पीकर पर क्या बजाया जा रहा है, कम से कम प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए था। यह देखना चाहिए था कि जो बज रहा है उससे किसी को अपमानित तो नहीं किया जा रहा है।
वहीं, एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि चुनाव का आना और साम्प्रदायिक माहौल का बिगड़ जाना, ये इत्तफ़ाक़ नहीं है। जनता सब समझ रही है। हार के डर से हिंसा का सहारा लेना किसकी पुरानी रणनीति है, सब जानते हैं। ये उप चुनाव की दस्तक है।दिखावटी क़ानून-व्यवस्था की जगह अगर सरकार सच में पुख़्ता इंतज़ाम करे तो सब सही हो जाएगा लेकिन ऐसा होगा तब ही जब ये सरकार चाहेगी।
अखिलेश ने कहा कि बहराइच में ही नहीं बनारस में भी यही हुआ है। नाटी इमली के प्रसिद्ध भरत मिलाप में लीला देखने आए लोगों को पुलिस के कारण अपमानित होना पड़ा है। वहां 480 साल के इतिहास में पहली बार लाठियां चली हैं।