नई दिल्ली, तनाव, अनिद्रा व थकान दूर करने का होम्योपैथिक टॉनिक- ‘साटिवाेल’ नशे के काम आ रहा है. 100 एमएल के इस टॉनिक में 40% अल्कोहल है. यानी बियर से 8 गुना तक ज्यादा. जबकि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के अनुसार सीधे ग्राहक को मिलने वाली होम्योपैथी की लिक्विड दवा में 12% से अधिक अल्कोहल नहीं हो सकता.
बावजूद इसकी खुलेआम बिक्री हो रही है. साटिवाेल जितनी अल्कोहल की मात्रा महंगी ब्लेंडेड व्हिस्की में होती है, जिसकी 100 एमएल की कीमत 350 रुपए के आसपास है. जबकि टॉनिक की एमआरपी 75 रुपए है. डिस्काउंट के बाद ये 65 से 70 रुपए में ग्राहक को मिल रही है.
साटिवाेल टॉनिक होम्योपेथिक स्टोर्स पर बिना डॉक्टर की पर्ची के आसानी से मिल रहा है. सबने माना- नशे के काम आ रही है, जितनी मर्जी उतनी बोतल मिल जाएंगी. इसके अलावा साटिवाेल ऑनलाइन भी 10 से 15% डिस्काउंट के साथ उपलब्ध है. देश में होम्योपैथिक दवा बनाने की सबसे बड़ी कंपनी एसबीएल इसे बनाती है. हरिद्वार में कंपनी की फैक्ट्री है.
होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. ताडकेश्वर जैन ने बताया कि साटिवाल नर्व टॉनिक है. इसे डॉक्टर के परामर्श के बिना नहीं लेना चाहिए. इसमें 40% अल्कोहल है इसलिए पूरी बाेतल का लगातार सेवन करना शराब पीने से भी ज्यादा घातक है.