क्या आप भी कराने जा रहे ज़मीन की रजिस्ट्री, जानिए कैसे और किसे मिलती है कितनी छूट

नई दिल्ली, जमीन खरीदने के बाद सबसे बड़ा काम जमीन की रजिस्ट्री का होता है। जमीन की रजिस्ट्री में जमीन की कीमत का 5 से 7 फीसदी खर्च हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये की संपत्ति की रजिस्ट्री करवाता है तो उसे ढाई से तीन लाख रुपये जमीन की रजिस्ट्री के नाम पर खर्च करने पड़ते हैं।

आज हम आपको रजिस्ट्रेशन चार्ज बचाने के तरीके बताने जा रहे हैं।

अविभाजित भूमि की रजिस्ट्री

खरीदार बिल्डर के साथ दो समझौते करता है। बिक्री समझौता और निर्माण समझौता। बिक्री समझौता संपत्ति के अविभाजित हिस्से के लिए है। इसमें जमीन की कीमत और जमीन पर निर्माण की लागत शामिल है। अविभाजित भूमि खरीदना सस्ता है क्योंकि निर्मित क्षेत्र के लिए कोई पंजीकरण शुल्क नहीं है।

महिला खरीदारों को छूट

अगर कोई महिला संयुक्त या एकल खरीद में संपत्ति की खरीद में शामिल है तो कई राज्यों में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट दी गई है। इसमें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इससे आप रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन पर होने वाले खर्च पर एक साल में 1.5 लाख तक टैक्स बचा सकते हैं।

रजिस्ट्री से पहले एक बार राज्य के स्टाम्प एक्ट को जान लें। कई बार राज्य सरकार की ओर से पंजीकरण शुल्क कम कर दिया जाता है। जब उसमें छूट दी जा रही हो उसी समय रजिस्ट्री करा लें। यदि संपत्ति किसी रक्त संबंधी को उपहार में दी जाती है तो महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश में स्टांप शुल्क नहीं लगाया जाता है। इस नियम का ध्यान रखकर आप रजिस्ट्रेशन चार्ज बचा सकते हैं।

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