लखनऊ, ऊर्जा निगमों के अभियंताओं की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। सूबे में 15 मार्च से चल रहा असहयोग आंदोलन अब और तेज होने जा रहा है। प्रबंधन के साथ पूर्ण असहयोग करते हुए सभी ऊर्जा निगमों के अभियंता व अवर अभियंता चार, पांच व छह अप्रैल को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
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ऊर्जा निगमों के प्रबंधन की ओर से न्यूनतम आवश्यक संसाधन उपलब्ध न कराये जाने, भययुक्त वातावरण स्थापित करने के विरोध में निगमों के जूनियर इंजीनियर्स व अभियंता शांतिपूर्ण ध्यानाकर्षण असहयोग आंदोलन चला रहे हैं। संगठन के पदाधिकारी वीपी सिंह, प्रभात सिंह आदि ने जारी बयान में कहा कि ईआरपी प्रणाली खरीद व बिजली क्रय करने में उच्च स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इस पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी विभागीय कार्यप्रणाली अनुरूप नहीं है और न ही इसका समुचित प्रशिक्षण दिया गया है। इसके क्रियान्वयन के लिए आवश्यक मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर व मैन पावर नहीं दी जा रही है।
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निगमों में विद्युत उत्पादन व आपूर्ति के लिए आवश्यक न्यूनतम मैन, मनी, मैटीरियल उपलब्ध कराने में ऊर्जा निगम प्रबंधन विफल रहा है। संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वालों पर कठोर कार्यवाही की जाए। असहयोग आंदोलन के चौथे दिन जिला मुख्यालयों व परियोजनाओं पर शाम चार बजे से पांच बजे के बीच एक घंटे का विरोध प्रदर्शन कर ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबंधन के उत्पीड़नात्मक व तानाशाही रवैये पर आक्रोश व्यक्त किया।
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