कानपुर, उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस का कहर देखा जा रहा है. जिले में एक साथ 14 मरीजों में इस वायरल की पुष्टि हुई है और इसमें एक एक गर्भवती महिला भी शामिल है.
जिसके बाद जिले में अब जीका के संक्रमितों की संख्या 25 पहुंच गई है. जिले में एक साथ 14 मरीज मिलने के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं जिले में जीका वायरस के मामलों में इजाफा होने के बाद डीएम सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई है.
दरअसल कानपुर में जीका वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. यहां पर एक नवंबर को 6 मामले मिले थे और ये सभी मामले जिले के चकेरी इलाके में सामने आए थे. जीका वायरस के छह मरीजों में चार महिलाएं थी. जबकि पिछले महीने ही जिले में जीका वायरस का पहला मामला मिला था. जिसके बाद जिले में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया था. जिले में एक एयरफोर्स कर्मचारी में खतरनाक जीका वायरस की पुष्टि हुई थी. इसकी जांच के लिए दिल्ली से भी टीम पहुंची थी.
पिछले दिनों ही जिले में जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद प्रशासन के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया था और उसने काशीराम अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए अलग से वार्ड बनाया गया था. वहीं जिला प्रशासन जीका को फैलने से रोकने के लिए सभी बड़े कदम उठा रहा है. लेकिन उससे बावजूद जिले में लगातार जीका वायरस के मामले बढ़ रहे हैं अब जिले में इस वायरल के मरीजों की संख्या 25 हो गई है.
खतरनाक और जानलेवा जीका वायरल मच्छर से फैलता है. ये वायरस एडीज एजिप्टी नामक मच्छर की प्रजाति के काटने से फैलता है और जानलेवा माना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं और इस मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया भी फैलता है. लेकिन जीका वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए काफी खतरनाक माना जाता है. खासतौर से कोख में पल रहे बच्चे के लिए.
जीका वायरस के कई लक्षण डेंगू के समान होते हैं और ये ज्यादा घातक साबित हो सकते हैं. जीका वायरस के कारण बुखार आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों का दर्द होना आम बात है. ये सामान्य लक्षण हैं जो मरीज में दिखते हैं