मोबाइल नंबर से ट्रैक कर सकते हैं किसी की भी लोकेशन, जानें आखिर क्या है सच्चाई

नई दिल्ली, लोग गूगल पर सर्च करते हैं कि क्या मोबाइल नंबर से किसी की लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। कई बार लड़के भी अपनी पार्टनर या गर्लफ्रेंड की लोकेशन ट्रैक करने की फिराक में रहते हैं। लेकिन क्या यह संभव है कि किसी के मोबाइल नंबर से उसकी लोकेशन ट्रैक की जा सके।

बता दें कि आप बिना किसी की मर्जी के सिर्फ मोबाइल नंबर से उसकी लोकेशन ट्रैक नहीं कर सकते। हालांकि कई लोग गूगल पर ऐसे तरीकों के बारे में सर्च करते हैं, जिनसे किसी की लोकेशन ट्रैक की जा सके।

गूगल पर नहीं मिलेगा सही तरीका

बता दें कि लोग गूगल पर लोकेशन ट्रैक करने के तरीके तलाशते रहते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो गूगल आपको किसी भूल भुलैया की तरह इधर-से उधर घुमाता रहेगा। आपके हाथ कोई भी सही और वाजिब तरीका नहीं लगेगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि मोबाइल नंबर से किसी को ट्रैप नहीं किया जा सकता लेकिन ऐसा करना आम आदमी के लिए बहुत मुश्किल है।

स्पाई सॉफ्टवेयर

स्पाई सॉफ्टवेयर के जरिए लोगों की लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। आपने पेगासस का नाम सुना होगा। यह एक स्पाइवेयर है, जिसकी मदद से किसी की जासूसी उसकी जानकारी के बिना की जा सकती है। हालांकि यह कोई 100 या हजार रुपये वाला सॉफ्टवेयर नहीं है। इस स्पाई सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कई देशों की मिलिट्री और सरकारें कर रही थी। हालांकि, पकड़े जाने के बाद इस सॉफ्टवेयर को बैन कर दिया गया है। अगर आप गूगल में सर्च करेंगे तो आपको कई तरह के सॉफ्टवेयर मिल जाएंगे लेकिन ये फर्जी होते हैं। ये सॉफ्टवेयर ना सिर्फ आपके फोन से डेटा चोरी कर सकते हैं, बल्कि आपको गलत जानकारी भी देंगे। आपको ऐसा लगेगा कि सॉफ्टवेयर फोन नंबर की मदद से दूसरे यूजर्स को ट्रैक कर रहा है।

पुलिस ऐसे ट्रैक करती है लोकेशन

बता दें कि पुलिस भी किसी को ट्रैक करने के लिए उसके मोबाइल नंबर या फिर फोन के IMEI नंबर को यूज करती है। इसके लिए पुलिस को टेलीकॉम कंपनी का सहयोग चाहिए होता है। टेलीकॉम कंपनी पुलिस को यह जानकारी देती है कि ट्रैकिंग पर लगाया गया नंबर किस सेल टावर के पास एक्टिव है और कितनी दूरी पर है। इससे पुलिस टीम अपराधियों की लोकेशन की लगभग जानकारी मिल जाती है।

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