लखनऊ,, उत्तर प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आया है जहां पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चुनावों के बीच में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा उन परिवारों का चयन चल रहा था जिन परिवारों की दो लड़कियां एक स्कूल में पढ़ती हो उनका विवरण जुटाया जा रहा था ।
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एक स्कूल में पढ़ने वाली दो लड़कियों में से एक की फीस माफ करने के लिए हो रही कार्रवाई पर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई है। चुनाव आयोग ने कहा है कि इस योजना पर की जा रही कार्रवाई मतदान को प्रभावित कर सकती है क्योंकि इसमें लाभार्थियों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
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यह कार्रवाई चुनावी आचार संहिता का उल्लघंन है। चुनाव आयोग के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने आदेश जारी कर सभी कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा है कि इस पर चुनाव सम्पन्न होने तक रोक लगाई जाती है।
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दरअसल, अक्तूबर 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि एक संस्था में एक से अधिक बच्चियां पढ़ रही हों तो दूसरी बच्ची की फीस माफी के लिए संस्था को प्रोत्साहित किया जाए या फिर इसकी प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करे। 2021 मैं सरकार के पास उस समय नहीं मिला कि वह इन लड़कियों का ब्यौरा जुटा सके ठीक चुनाव के मौके पर शिक्षा विभाग को यह आदेश दिया गया इस पर विभाग अब ऐसी लड़कियों का ब्यौरा जुटा रहा था जिन्हें इसका लाभ मिलना है ताकि सरकार इसके लिए बजट तय कर सके। इस हो रहे सर्वे से योगी सरकार पर चुनाव को प्रभावित करने का शक लाजमी है।
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