अलीगढ़ में दरोगा की गोली से घायल महिला जिंदगी की जंग हारी, कनपटी के पास लगी थी गोली, दरोगा अभी भी लापता

अलीगढ़, कोतवाली में छह दिन पहले दारोगा मनोज शर्मा द्वारा चलाई गई पिस्टल से घायल महिला बुधवार को जिंदगी की जंग हार गई। जवाहरलाल नेहरू (जेएन) मेडिकल कॉलेज में देर रात रात अंतिम सांस ली। लोगों के आक्रोश को देखते हुए क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है। रात में ही शव का पोस्टमार्टम कराने की तैयारी चल रही थी।

उधर, दारोगा को शस्त्रागार से मैग्जीन से भरी पिस्टल देने वाले सिपाही इटावा के गांव तकीपुर निवासी सुदीप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इसे घटना वाले दिन ही दारोगा के साथ निलंबित किया गया था। दारोगा को अभी पुलिस तलाश नहीं पाई है।

 

हड्डी गोदाम निवासी हार्डवेयर कारोबारी शकील अहमद की पत्नी इशरत निगार आठ दिसंबर को अपने बेटे के साथ पासपोर्ट का सत्यापन कराने के लिए ऊपरकोट कोतवाली गई थीं। वहां मुंशी का इंतजार कर रही थीं।

शस्त्रागार पर मौजूद सिपाही सुदीप ने बिना मैगजीन निकाले ही पिस्टल दारोगा मनोज कुमार को दे दी थी। दारोगा ने पिस्टल लोड कर ट्रिगर दबा दिया। गोली महिला की कनपटी के पास लगी।

मंगलवार को जेएन मेडिकल में डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर गोली का टुकड़ा निकाल दिया था, लेकिन तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। मृत्यु की सूचना के बाद मेडिकल कॉलेज पर भीड़ लग गई।

मूलरूप से गाजियाबाद के थाना मुरादनगर क्षेत्र के गांव सिमावती निवासी दारोगा मनोज का कहीं सुराग नहीं लग सका है। उसके मेरठ के शताब्दी नगर स्थित मकान पर भी दबिश दी गई।

 

गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी कर दिए गए हैं। 20 हजार का इनाम पहले ही घोषित किया जा चुका है। पुलिस कुर्की की भी तैयारी कर रही है। एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि सिपाही के खिलाफ जानलेवा हमले व षड्यंत्र में शामिल होने की धारा बढ़ाई गई है। लापरवाही के संबंध में विभागीय जांच की जा रही है।

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