फिल्मों में अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) ने अपने जीवन को त्यागते हुए संन्यास का मार्ग अपनाया है. हाल ही में उन्होंने महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में संन्यास लिया और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई. अब अभिनेत्री श्री यमाई ममतानंद गिरि नाम से जानी जाएंगी.
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने उन्हें यह पदवी प्रदान की. परंपरागत तरीके से भगवा वस्त्र पहनाकर, माला और तिलक के साथ उनका पट्टाभिषेक हुआ.
पट्टाभिषेक के बाद ममता कुलकर्णी ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने कुपोली आश्रम में जूना अखाड़ा के चैतन्य गगन गिरि महाराज से 23 साल पूर्व दीक्षा ली थी. वह पिछले दो साल से लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में हैं.
-
उन्होंने बताया, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मेरी 23 साल की तपस्या को समझा और स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज ने मेरी परीक्षा ली जिसमें मैं उत्तीर्ण हुई. मुझे नहीं पता था कि पिछले तीन दिनों से मेरी परीक्षा ली जा रही है. मुझे कल ही महामंडलेश्वर बनाने का न्यौता मिला.