कौन है मुंबई अटैक का गुनहगार तहव्वुर राणा? 16 साल बाद होगा उसके गुनाहों का हिसाब, जानिए आतंकी की पूरी कुंडली

Mumbai .Tahawwur Rana Extradition: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. यह भारत के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है. भारत कई सालों से अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था.

एक साल से अमेरिकी अदालत में उसके प्रत्यर्पण की सुनवाई चल रही थी. राणा कई संघीय कोर्ट में कानूनी लड़ाई हार चुका था. यह उसका आखिरी मौका था. हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका खारिज करके उसके उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

 

भारत काफी लंबे समय से तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण का मांग कर रहा था. तहव्वुर राणा 16 साल पहले 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली को आर्थिक मदद किया था. तहव्वुर राणा को अमेरिकी फेडरल पुलिस ने 2009 में गिरफ्तार किया था. उसी समय से उसकी प्रत्यर्पण को लेकर दोनों देशों के बीच बात चल रही थी. अेमेरिकी कोर्ट ने राणा को डेनमार्क में आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के आरोप में दोषी ठहराते हुए 14 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन मुंबई हमले में उसे बरी कर दिया था.

साल 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में मौत का तांडव मचाया. कुबेर नाम की नाव पर क्रू की हत्या कर आतंकी मुंबई में दाखिल हुए थे. 10 आतंकी मुंबई में दाखिल हुए. 10 एके-47 के साथ 10 पिस्टल, 80 ग्रेनेड के साथ 26 नवंबर की रात 9 बजे से मुंबई में मौत का तांडव मचाना शुरू कर दिया. 60 घंटों तक मुंबई में मौत का तांडव चलता रहा. इस हमले में कुल 175 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, सिक्योरिटी फोर्सेज ने 9 आतंकियों को मार गिराया था. अजमल कसाब इकलौता जिंदा आतंकी पकड़ा गया था.

 

भारत ने कैसे साबित किया राणा का गुनाह

अमेरिकी संघीय पुलिस एफबीआई ने 2009 में उसे गिरफ्तार किया था. हालांकि, उसे मुंबई हमले से बरी कर दिया गया था. उसे डेनमार्क में आतंकी हमले को लेकर 14 साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, 2020 में एफबीआई ने उसे मुंबई हमले के आरोप में गिरफ्तार किया. लेकिन, ये भारत की कूटनीतिक चाल से ये सफल हुआ था. भारत ने मुंबई हमले का मास्टरमाइंड डेविड हेडली को सरकारी गवाह बनाकर भारत ने तहव्वुर राणा पर आरोप साबित किया था.

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