लखनऊ, लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट समाजवादी के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल इस सीट पर टिकट के लिए सभी प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं एक ओर क्षेत्रीय प्रदीप सिंह बब्बू अपनी दावेदारी बता रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हैं अनुराग भदौरिया जिन्हें बीजेपी के आशुतोष टंडन ने कांग्रेस और सपा के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में अनुराग सिंह को 79,230 वोटों से हराया था तथा कुल मतों में 59.26 फीसदी बीजेपी के पक्ष में पड़े थे।और तीसरे प्रत्याशी की बात करें तो उनमें से राहुल सिंह भी एक हैं।
वर्तमान में समाजवादी पार्टी से इन तीनों के अलावा टिकट के और भी दावेदार अब तक सामने आ चुके हैं। मजेदार बात तो यह है कि कई नेताओं ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। लखनऊ पूर्व सीट पर सपा से टिकट मांगने वालों में राणा साकेत सिंह, गौरव सिंह यादव, शर्मिला महाराज, यासिर अजहर सिद्दीकी, डॉ. प्रदीप पांडेय, डॉ. सिंधु जीत सिंह, और शैलेंद्र सिंह बबलू के नाम चर्चा में हैं।
इन तीनों प्रत्याशियों के अपने-अपने दावे हैं अगर हम प्रदीप सिंह बाबू की बात करते हैं तो वर्तमान में को सबसे मजबूत प्रत्याशी के रूप में नजर आते हैं और उसका कारण यह रहा है कि प्रदीप सिंह बब्बू छात्र राजनीति से लगातार जुड़े हुए हैं और लगभग पचास हजार वोटरों तक सीधी पकड़ है इसके अलावा प्रदीप सिंह बब्बू क्षेत्र के क्षत्रीय परिवारों में अच्छी पकड़ रखते हैं क्योंकि वर्तमान में क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष का भी जिम्मा इन्हीं के हाथ में है अभी तक प्रदीप सिंह बब्बू पर किसी प्रकार का कोई भी मुकदमा यह कोई भी आरोप नहीं है और पूर्वांचल का होने के कारण पार्टी को उसका लाभ मिल सकता है।
वहीं अगर हम बात करते हैं अनुराग भदौरिया की तो क्षेत्र में उतर ही नजर आते हैं जब चुनाव होते हैं । व्यक्तिगत लोगों से अभी तक उनका कोई भी सीधा संपर्क नहीं है । गौरतलब है कि पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में उतरे थे जिन्हें वर्तमान कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने 79,230 वोटों के अंतर से हराया था।
वहीं अगर समाजवादी पार्टी के राहुल सिंह की बात करते हैं तो वह काफी चर्चा में रहते हैं क्योंकि पिछले समाजवादी सरकार में भर्ती के नाम पर लाखों के घोटाले का आरोप है और जेल से जमानत पर रिहा है इसके अलावा ब्लैकमेलिंग के आरोप में जेल गए थे उस मामले में भी उन्हें जमानत मिली हुई है अगर राहुल सिंह के लिए क्षेत्रीय नागरिकों से चर्चा की जाए तो उनकी छवि बेहतर नहीं नजर आ रही है अब देखना यह है की इन तीनों प्रत्याशियों में कौन बाजी मारता है समाजवादी पार्टी लखनऊ पूर्व में किस पर भरोसा जताती है प्रदीप सिंह बब्बू अनुराग भदौरिया या फिर राहुल सिंह और अन्य पर कुछ दिनों में यह फाइनल हो जाएगा।
लखनऊ पूर्व सीट पर वोट का जातिगत आंकड़ा।
ठाकुर- 75,000
ब्राह्मण- 60,000
कायस्थ- 40,000
मुस्लिम- 48,000
दलित- 80,000
अन्य पिछड़ा वर्ग- 65,000
गुप्ता, अग्रवाल, जयसवाल, चौरसिया- 20,000
उत्तराखंड के पहाड़ी लोग- 17,000
अन्य जातियां- 23,897
वहीं समाजवादी पाटी के नगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित का कहना है कि जैसे ही उम्मीदवार के नाम तय होंगे, हम पूरी तैयारी के साथ चुनाव मैदान में उतर जाएंगे। लखनऊ पूर्वी सीट में बीजेपी विधायक ने सिर्फ टूटी और गड्ढायुक्त सड़कें दी हैं। ऐन चुनाव से पहले बनी सड़कें भी उखड़ने लगी हैं। इस बार इस सीट से सपा उम्मीदवार ही चुनाव जीतेगा।
भाजपा ने भी अभी पत्ते नही खोले हैं परंतु वर्तमान विधायक और मंत्री आशुतोष टंडन का कहना है कि कोविड काल में विधायक निधि से बीआरडी अस्पताल में ऑक्सिजन प्लांट, पाइप लाइन और एक्स-रे मशीन लगवाई। गोमतीनगर से खुर्रमनगर तक एलीवेटेड रोड, टेढ़ी पुलिया पर फ्लाईओवर बना। 758 सड़कों का निर्माण करवाया। बिजली के 1000 खंभे लगवाए। उपकेंद्र भी बना। कुकरैल में गिर रहे 52 नालों का डायवर्ट करने के लिए 68 करोड़ का काम करवाया।