लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व विवादास्पद बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले वसीम रिज़वी अब हिन्दू बन गए हैं. वसीम रिज़वी का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी है. लेकिन मरने से पहले ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में त्यागी ने कई वर्ष पूर्व अपनी हयाती कब्र बनवाई थी. यह कब्र कर्बला तालकटोरा में स्थित है. इस कर्बला के मुतवल्ली ने वसीम रिज़वी उर्फ त्यागी की कब्र को निरस्त कर दिया है और किसी दूसरे को यह कब्र देने की बात कही है।
वसीम रिज़वी के खास रहें है सय्यद फैजी शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य व कर्बला तालकटोरा के मुतवल्ली सय्यद फैजी ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए वसीम रिज़वी से दूरी और नाराजगी का इजहार किया, लेकिन हकीकत यह है कि सय्यद फैजी जिस पद पर आज पहुचें हैं, वो भी वसीम रिज़वी की ही देन है सय्यद फैजी कुछ वक्त पहले तक वसीम रिज़वी के खास माने जाते थे और शिया वक्फ बोर्ड के चुनाव में दोनों को बराबर वोट मिले थे जिससे दोनों अब तक बोर्ड में सदस्य है फैजी का कहना है कि वसीम रिज़वी से अब संपर्क रखना ‘गुनाह’ होगा।
कर्बला ने निरस्त की वसीम की हयाती क़ब्र
हयाती कब्र वह होती है, जो कोई शख्स अपने जीते जी ही बनवा लेता है और फिर मरने के बाद उसमें दफन होता है. कर्बला के मुतवल्ली सय्यद फैजी ने बताया कि वसीम रिज़वी ने वर्ष 2010 में ही अपनी कब्र खुदवा ली थी. उन्होंने कहा कि सब बयानों और वसीम रिज़वी की हरकतों को देखने के बाद उन्होंने अपने यहां से वसीम रिज़वी की कब्र को निरस्त कर दिया है, इसकी सूचना उनके परिवारवालों को दे दी गई है. हालांकि अब इस कब्र को कोई लेता है या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी।