What is APAAR ID : अपार आईडी क्या है, आधार कार्ड से कैसे है अलग, छात्रों को क्या होंगे फायदे, यहां जानिए सब कुछ

नई दिल्ली, इन दिनों उत्तर प्रदेश, बिहार व राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों के स्कूलों में छात्रों की अपार आईडी (APAAR ID) बनाने का काम चल रहा है। चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, देश के सभी स्कूलों के बच्चों की यूनिक आईडी बनाई जा रही है जिसे अपार कहा गया है।

विशेष अभियान चलाकर इस कार्य में तेजी लाई जा रही है। अपार आईडी यानी ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री- APAAR ID) । केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों ने अपने यहां के स्कूलों से कहा है कि वे हर छात्र की एक अलग खास पहचान बनाने के लिए उनके माता-पिता से सहमति लें। केंद्र सरकार की ‘वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी’ योजना के तहत यह अपार आईडी कार्ड बनाया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रत्येक छात्रों को 12 अंकों का एक यूनिक आईडी नंबर जारी किया जा रहा है जिसे अपार आईडी का नाम दिया गया है। अपार आईडी के लिए छात्र आधिकारिक वेबसाइट apaar.education.gov.in पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। हालांकि यह काम स्कूलों द्वारा पूरा किया जाना है।

नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के मद्देनजर देश के शिक्षा क्षेत्र में यह बड़ा बदलाव लाया जा रहा है। अपार आईडी दरअसल आधार नंबर की तरह ही एक तरह का आईडी है। अपार (APAAR) की फुल फॉर्म है – ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री। इस अपार आईडी में एक छात्र की बचपन से लेकर हायर एजुकेशन तक पूरे शैक्षणिक सफर की डिटेल्स होगी। इसमें छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। इस योजना के तहत हर छात्र को आजीवन एक खास अपार पहचान मिलेगी।

अपार आईडी कार्ड में छात्र का नाम, लिंग, जन्मतिथि, पता, पैरेंट्स का नाम, फोटो के साथ-साथ उनकी शैक्षणिक यात्रा यानी जितनी पढ़ाई (मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र) की है, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट सहित अन्य दस्तावेज भी मौजूद होंगे। छात्र की खेल प्रतियोगिता में हिस्सा, स्कॉलरशिप, जीते गए अवॉर्ड, स्किल ट्रेनिंग, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज, ओलिंपियाड में सहभागिता की जानकारी भी इस आईडी कार्ड में दर्ज कराई जाएगी। अपार आईडी में छात्र का ब्लड ग्रुप, ऊंचाई और वजन जैसी अतिरिक्त जानकारी भी शामिल हो सकती हैं।

अपार आईडी एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) और डिजीलॉकर से जुड़ा हुआ है, जहां छात्र अपने आवश्यक दस्तावेजों जैसे परीक्षा परिणाम और शैक्षणिक क्रेडेंशियल्स और दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं।

अपार आईडी आधार कार्ड की जगह नहीं लेगा। आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है। इसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या दर्ज होती है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) जारी करता है। आधार संख्या भारत में कहीं भी रह रहे व्यक्ति की पहचान और पते के प्रमाण का काम करती है। आधार नागरिकता या जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है। आधार संख्या में व्यक्ति की बायोमेट्रिक जानकारी होती है जैसे इसमें उसकी फोटो, फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन डिटेल्स होती है। यह भारत के नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ और सब्सिडी आवंटित करने जैसे कार्यों को अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से करने के लिए उनके बायोमेट्रिक्स पर आधारित है। आधार का उपयोग पहचान और पते के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है जबकि अपार आईडी (APAAR ID ) में एक छात्र की प्री प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक की पूरी शैक्षिक यात्रा की जानकारी होगी। इस आजीवन आईडी की मदद से उनकी पूरी पढ़ाई को ट्रैक किया जा सकेगा। यह आधार की जगह नहीं लेगा बल्कि शैक्षणिक डिटेल्स को ट्रैक करने के मकसद से इसका इस्तेमाल होगा।

अपार आईडी से क्या फायदा होगा

– अपार आईडी का सबसे बड़ा फायदा होगा कि इससे फर्जी एजुकेशननल डॉक्यूमेंट और डुप्लीकेट मार्कशीट जैसे मामलों पर नकेल कसेगी। फर्जीवाड़े की संभावनाएं बंद हो जाएंगी। कई बार लोग नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाकर नौकरी प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे में योग्य उम्मीदवार रोजगार से वंचित रह जाते हैं। अपार आईडी के जरिए नियोक्ता एक क्लिक में उम्मीदवार की सारी जानकारी देख सकेंगे और सही उम्मीदवार का चुनाव कर सकेंगे।

– अपार आईडी से विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं और एडमिशन के दौरान भी छात्र की वेरिफिकेशन करना आसान हो जाएगा। छात्रवृत्ति पाने, क्रेडिट अकमुलेशन, क्रेडिट रिडेम्प्शन, क्रेडिट अकाउंटिंग, एक संस्थान से दूसरे संस्थान में क्रेडिट ट्रांसफर, इंटर्नशिप, सर्टिफिकेशन, नौकरी आवेदन और अकादमिक रिकॉर्ड्स का ऑथेंटिकेशन में अपार आईडी काफी काम आएगा।

– सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे बच्चों को मुहैया करवाया जाएगा। अपार आईडी बनने से इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी।

– ये छात्रों का डिजिटल लॉकर होगा जहां एक ही जगह से छात्र अपने डॉक्यूमेंट प्राप्त कर सकेंगे।

– अपार आईडी ड्रॉपआउट छात्रों की निगरानी करने में और उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने के लिए भी उपयोगी होगा। राज्य सरकारें साक्षरता दर, स्कूल छोड़ने की दर और बहुत कुछ ट्रैक कर सकेंगी।

– अपार आईडी छात्रों के लिए उनके माता-पिता के एक शहर से दूसरे शहर या एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर के मामले में काफी सहायक साबित होगी। आईडी छात्रों को शैक्षिक संसाधनों तक पहुंचने में भी मदद करेगी। छात्र भविष्य में अपनी उच्च शिक्षा या रोजगार पाने के लिए क्रेडिट स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।

अपार कैसे काम करता है

अपार आईडी एक खास तरह का अल्फान्यूमेरिक कोड है जो एक छात्र से जुड़ा होता है। यह डिजिलॉकर इकोसिस्टम तक पहुंचने के लिए एक प्रवेश द्वार होगा जो छात्रों की सभी शैक्षणिक गतिविधियों व शैक्षणिक जीवन की सभी उपलब्धियों व स्वास्थ्य कार्ड जैसी जानकारियों को डिजिटल रूप से स्टोर करेगा।

अपार आईडी को डिजिलॉकर ( DigiLocker ) से जोड़ा जाएगा, जिसमें छात्रों की शैक्षिक प्रगति, उनके रिजल्ट और अन्य उपलब्धियों का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा तथा आसानी से उपलब्ध होगा।

क्या APAAR को आधार ( Aadhaar Card ) से जोड़ा जाएगा?

हां, APAAR आईडी को छात्र के आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। अगर छात्र नाबालिग है तो अपार आईडी बनाने के लिए उसके माता-पिता की अनुमति लेना अनिवार्य है। छात्र का आधार माता-पिता की सहमति से APAAR आईडी से जोड़ा जाएगा।

क्या अपार आईडी सभी छात्रों के लिए अनिवार्य है

APAAR आईडी के लिये रजिस्ट्रेशन स्वैच्छिक है न कि अनिवार्य। स्कूलों को छात्रों के लिए अपार आईडी बनाने से पहले अभिभावकों से सहमति लेनी होगी। माता-पिता किसी भी समय अपनी सहमति वापस लेने का विकल्प चुन सकते हैं। नाबालिगों के लिए माता-पिता को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा, जिससे मंत्रालय यूआईडीएआई के साथ प्रमाणीकरण के लिए छात्र के आधार नंबर का उपयोग कर सके।

शिक्षा मंत्रालय ने अपार आईडी के माध्यम से सभी छात्रों के शिक्षा रिकॉर्ड को 100 फीसदी इंटिग्रेट करने के लिए 2026-27 की समय सीमा प्रस्तावित की है।

कैसे बनेगा आपका अपार आईडी

आपका स्कूल ही आपका अपार आईडी कार्ड बनाएगा। स्कूल apaar.education.gov.in पर अपार आईडी कार्ड बनाएगा। स्टूडेंट के पास उसका आधार कार्ड होना चाहिए। स्कूल को अपने माता पिता की सहमति पत्र उपलब्ध कराना होगा। अभी तक 34 करोड़ से ज्यादा बच्चों की अपार आईडी बन चुकी है।

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