नई दिल्ली, व्हेल मछली की उल्टी जिसकी कीमत बाजार में करीब एक करोड़ दस लाख रुपए आंकी गई है, पुणे के करीब पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस द्वारा पकड़ी गई है।
व्हेल की यह उल्टी गैरकानूनी तरीके से बेचने के लिए कूरियर से भेजी गई थी. तस्करी की जा रही इस उल्टी को पिंपरी-चिंचवड पुलिस के क्राइम ब्रांच की एक यूनिट ने पकड़ा है. तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और दो आरोपियों को पकड़ लिया गया है।
जिन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनके नाम जॉन सुनील साठे (उम्र 33, मगरमला, नासिक रोड का निवासी), अजित हुकुमचंद बागमार (उम्र 61, कारंजा, नासिक का निवासी), मनोज अली (भिवंडी नासिकफाटा पिंजारवाडी का निवासी) हैं. इस मामले में जॉन और अजित को अरेस्ट कर लिया गया है. इस मामले में पुलिस कर्मचारी प्रमोद गर्जे ने एमआईडीसी भोसरी पुलिस थाने में शिकायत की. पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी अजित और मनोज ने आरोपी जॉन को कूरियर से व्हेल मछली की उल्टी भेजी. आरोपी जॉन इस उल्टी को गैरकानूनी तरीके से बाजार में बेचने वाला था।
पिंपरी-चिंचवड पुलिस की क्राइम ब्रांच की यूनिट के एक सदस्य को इसकी जानकारी मिल गई थी. पुलिस ने मोशी टोलनाका के पास आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और आरोपी जॉन को पकड़ने में कामयाब हो गई. जॉन के पास से 1 करोड़ 10 लाख रुपए की कीमत की व्हेल मछली की उल्टी बरामद की गई. इस उल्टी का वजन 550 ग्राम है. इस मामले में आगे की जांच पुलिस निरीक्षक वर्षारानी पाटील कर रही हैं।
व्हेल मछली की उल्टी को तैरता हुआ सोना कहा जाता है. दरअसल इसमें अल्कोहल होता है. व्हेल की उल्टी का इस्तेमाल परफ्यूम इंडस्ट्री द्वारा किया जाता है. इससे परफ्यूम की खुशबू ज्यादा समय तक कायम रहती है. हालांकि यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह व्हेल मछली का मल होता है या उल्टी होती है. लेकिन जब यह ताजी होती है तो इसका गंध मल जैसा होता है. धीरे-धीरे यह मिट्टी की तरह होने लगती है. फिर पानी में रहकर यह ठंडी हो जाती है और चट्टान की तरह दिखाई देने लगती है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी बहुत मांग है. इसे पाने के लिए कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से व्हेल मछली का शिकार करते हैं और इसकी तस्करी करते हैं. व्हेल प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है. इसका शिकार करना या इसके अंगों का व्यापार करना गैरकानूनी है।