नई दिल्ली, महीने की शुरूआत में एडीआर ने दावा किया था कि लोकसभा चुनावों में डाले गए मतों और गिने गए मतों की संख्या में अंतर देखने को मिला है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स- एडीआर ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों और गिने गए मतों की संख्या में बड़ा अंतर है.
इस दावे को लेकर एडीआर ने इलेक्शन कमीशन को चिट्ठी भी लिखी थी. एडीआर के इस दावे को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को कठघरे में खड़ा किया था. इससे पहले ‘वोट फॉर डेमोक्रेसी’ ने भी यह मुद्दा उठाया था.
इन आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि लोकसभा चुनावों को बदनाम करने के लिए झूठा अभियान चलाया जा रहा है. निर्वाचन आयोग ने दावा किया कि मतदान के दिन शाम 7 बजे मतदाताओं के अनुमानित वोटिंग की तुलना मतदान समाप्ति के साथ करने के आधारहीन प्रयास किए जा रहे हैं.
निर्वाचन आयोग -ईसीआई ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 को बदनाम करने के लिए एक झूठा अभियान चलाया जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चुनाव आयोग ने लिखा है, “मानव जाति के इतिहास में अब तक के सबसे पारदर्शी तरीके से हुए सबसे बड़े चुनावों को बदनाम करने के लिए कुछ लोगों द्वारा झूठा अभियान चलाया जा रहा है.”
इलेक्शन कमीशन ने दावा किया कि मतदान के दिन शाम 7 बजे मतदाताओं के अनुमानित मतदान की तुलना मतदान समाप्ति के साथ करने के लिए निराधार प्रयास किए जा रहे हैं, जिन्हें मतदान समाप्त होने के एक दिन बाद उपलब्ध कराया जाता है.
आयोग ने लिखा है, “मतदान के दिन शाम 7 बजे के अनुमानित मतदान प्रतिशत की तुलना वोटिंग के एक दिन बाद उपलब्ध मतदान प्रतिशत से करने का निराधार प्रयास किया गया है.”
वोट फॉर डेमोक्रेसी (VFD) की रिपोर्ट पर उठा भूचाल
वोट फॉर डेमोक्रेसी, महाराष्ट्र ने 22 जुलाई को लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट में चुनाव के दौरान सामने आईं गड़बड़ियों, चुनाव आयोग और रिटर्निंग अधिकारियों की भूमिका, डाले गए वोटों और गिनती के बीच अंतर और डंप किए गए वोट का उल्लेख किया गया है.