जोहान्सबर्ग, कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पहली बार 24 नवंबर को पहचाने जाने के महज 10 दिनों के भीतर दुनिया के लगभग 40 देशों में फैल चुका है, जिससे इसके संक्रमण फैलने की रफ्तार का अंदाजा लगाया जा सकता है।
वैज्ञानिकों का साफ कहना है कि इसमें संक्रमण फैलने की दर डेल्टा वैरिएंट से कहीं अधिक, यहां तक कि दोगुनी या इससे भी अधिक भी हो सकती है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं, उसने अलग चिंता बढ़ाई है।
दक्षिण अफ्रीका में शुक्रवार रात तक कोविड संक्रमण के 16,055 नए मामले सामने आ चुके थे और 25 संक्रमितों की मौत हो चुकी थी। वहीं, बच्चों में संक्रमण और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने के मामले भी बढ़े हैं, जिसने इस महामारी को लेकर चिंता और बढ़ा दी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डीसीज (NICD) की डॉ. वसीला जसत के मुताबिक, पहले बच्चे कोविड महामारी से इतने प्रभावित नहीं हुए थे, बच्चों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत भी ज्यादातर नहीं पड़ी थी, लेकिन अब स्थिति बिल्कुल अलग नजर आ रही है।
उन्होंने कहा, दक्षिण अफ्रीका में यह कोविड-19 की चौथी लहर है, जिसमें शुरुआत में सभी आयु वर्ग के लोगों में संक्रमण के मामले देखे गए, लेकिन पांच साल से कम उम्र के लोगों के ऐसे मामले खास तौर पर बढ़ रहे हैं। हालांकि, संक्रमण के मामले अब भी बच्चों में ही सबसे कम हैं। सबसे अधिक मामले 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में ही हैं और उसके बाद सबसे अधिक मामले 5 साल से कम उम्र के बच्चों में हैं। ऐसे बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराने के मामले भी बढ़े हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं था।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका के नौ प्रांतों में से सात में संक्रमण के मामले और इसकी दर तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच वैज्ञानिकों ने चेताया है कि कोविड-19 का ओमिक्रोन वैरिएंट डेल्टा से दोगुनी रफ्तार से फैल सकता है। यह उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, जो पहले कोविड की चपेट में आकर ठीक हो चुके हैं और जिनके बारे में समझा जाता है कि उनके शरीर में इस बीमारी से लड़ने के लिए इम्युनिटी बन गई होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना वायरस का यह नया वैरिएंट डेल्टा सहित इससे पहले के सभी वैरिएंट्स से अधिक तेजी से फैलने वाला है और यही वजह है कि WHO ने इसे ‘चिंताजनक’ श्रेणी में रखा है।
दुनियाभर में जिस तेजी के साथ इसके मामले सामने आए हैं, वे संक्रमण फैलाने की इसकी दर को बयां करते हैं। ओमिक्रोन के दुनियाभर में कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें वे लोग भी प्रभावित हुए हैं, जिन्होंने कोविड रोधी वैक्सीन की दोनों डोज ली थी। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि यह वैरिएंट कोविड से पहले चपेट में आकर उबर चुके लोगों के शरीर में बनने वाली इम्युनिटी और वैक्सीन को भी धोखा दे सकता है, जिसके मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।