अरबों रुपयों की ठगी में महादेव गेमिंग ऐप के इंडिया हेड अभय सिंह सहित दो लोग लखनऊ से गिरफ्तार

लखनऊ, एसटीएफ ने दुबई में महादेव बेटिंग और अन्य दर्जन भर गेमिंग ऐप से सट्टा लगवाकर अरबों रुपये की ठगी के मामले में इंडिया हेड अभय सिंह व संजीव सिंह को गुरुवार शाम विभूति खंड से गिरफ्तार किया।

आरोप है कि महादेव गेमिंग ऐप का प्रमोटर सौरभ चन्द्राकर और अभय का फुफेरा भाई अभिषेक सिंह दुबई में गिरोह का संचालन कर रहे हैं। अभिषेक ने ही अभय को लालच देकर साथ में जोड़ा था। इन लोगों ने कई फर्जी कंपनियां बनाईं जिनके नाम से गेमिंग ऐप बनाकर ठगी हुई। अभय व संजीव मजदूरों व अन्य लोगों के नाम से सिम खरीदकर पोर्ट करवाते, फिर कारपोरेट सिम कार्ड के रूप में दुबई भेजते। इन सिम कार्ड से गेमिंग ऐप चलाकर ठगी की जाती थी।

आईपीएल के हर मैच में करोड़ों का सट्टा
गिरफ्तार अभय सिंह ने एसटीएफ अफसरों के सामने खुलासा किया कि आईपीएल के कर मैचों में करोड़ों रुपये का सट्टा लगाया जा रहा है। ये सट्टा टेलीग्राम व व्हाटसएप के जरिये लगाया जा रहा है। दूसरे आरोपी संजीव कुमार ने भी इसे सही बताया है।

महादेव बुक व अन्य नामों से बनाये गये गेमिंग एप से अरबों रुपये का फर्जीवाड़ा करने वालों ने सारा खेल दुबई से ही खेला। दुबई में संचालन कर रहे सौरभ चन्द्राकर व अभिषेक सिंह ने इंडिया हेड अभय सिंह के जरिये करोड़ों रुपये की कमाई हर महीने की। अभय ने खुलासा किया कि उसने वर्ष 2021 से अब तक चार हजार से अधिक सिम कार्ड दुबई भेजे। कारपोरेट सिम लेने के लिये 32 कम्पनियां बनायी। फिर इन कम्पनियों के नाम से ही सिम लिये और उन्हें दूसरी टेलीकॉम कम्पनी में पोर्ट कराया।

छह माह में वेतन 75 हजार अभय को जब कम्पनी से जोड़ा गया तो उसने 25 हजार रुपये महीना और प्रति सिम पांच सौ रुपये अलग से देने को कहा गया था। उसने बताया कि सिम पोर्ट कराने का काम उसने तेजी से शुरू किया। पोर्ट करने के लिये यूपीसी कोर्ड छत्तीसगढ़, भिलाई निवासी चेतन जोशी भेजता था। वह दुबई में अभिषेक के साथ काम कर रहा था। अभय ने एक महीने में 35 सिम एक्टीवेट कराये, फिर शुभम सोनी उर्फ पिंटू के जरिये दुबई भेजने लगा था। उसकी सैलरी तीन गुना बढ़ा कर 75 हजार रुपये कर दी गई। सिम के एक्टीवेट कराने पर दो हजार अलग से दिये जाने लगे।

अभय ने खुलासा किया कि ट्राई ने फरवरी 2024 से कारपोरेर्ट सिम लेने पर कम्पनी के साथ कर्मचारियों के नाम भी केवाईसी होना अनिवार्य कर दिया गया था। यह केवाईसी लिंक के जरिये होती थी। इस पर इन लोगों ने एक कम्पनी में पांच-छह कर्मचारी ही दिखाये और फर्जी दस्तावेज से केवाईसी कराने लगे। एक व्यक्ति के नाम पर पांच-छह सिम खरीद जाते थे। इस गिरोह ने गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, जयपुर, पुणे, मुंबई, भुवनेश्वर समेत कई शहरों से फर्जी तरीके से सिम पोर्ट/एक्टिवेट कराये। इन मोबाइल नम्बरों से ही ये लोग व्हाट्सएप या टेलीग्राम एक्टिवेट कर ग्रुप बनाते, फिर उससे ठगी करने लगते।

एजेन्सियां जांच कर रही
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि कई जांच एजेन्सियां फर्जीवाड़े की जांच कर रही है। पर, इस गिरोह के आका का मुख्य स्त्रत्तेत और काम करने का क्या तरीका है…इसका खुलासा पहली बार हुआ है। गिरफ्तार अभय सिंह के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज है।

गिरफ्तार अभय सिंह व संजीव सिंह ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि दुबई में महादेव बुक गेमिंग एप के जरिये अरबों रुपये का फर्जीवाड़ा करने में भारत के 10 से 12 हजार युवक दुबई भेजे गये हैं। इन सबको प्रमोटर सौरभ चन्द्राकर व अभिषेक सिंह ने अपनी कम्पनी में नौकरी दे रखी है। ये लोग इस कम्पनी में अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे है। इनमें से कई को पता भी नहीं है कि उनके द्वारा जो काम किया जा रहा है वह अपराधी की श्रेणी में आता है। सौरभ चन्द्राकर चिन्हित कर्मचारियों को ऊंचा वेतन दे रहे है और अन्य कर्मचारियों को कई तरह के प्रमोशन और सैलरी बढ़ाने का आश्वासन देकर ठगते रहे है।

सौरभ की कम्पनी में दुबई गये इन लोगों में कोई गेमिंग एप का बैंक अकाउंट देखता है तो कोई सोशल मीडिया एकाउंट पर नजर रखता है। एक पूरी टीम अन्य सर्विस का काम देखती है। एक बड़ा कॉल सेन्टर भी बना रखा गया है। इतना ही नहीं कि भारत से गये युवकों को कई और सुविधायें दी जाती है। उनके ठहरने व खाने-पीने का इंतजाम भी कम्पनी ही करती है।

Related Posts