बांदा, मुख्तार अंसारी का एक बेटा अब्बास इस वक्त कासगंज जेल में सजा काट रहा है तो दूसरा और छोटा बेटा उमर अब्बास दो दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज पिता को देखने आया था। परिवार के करीबियों ने बताया कि जैसे ही उमर को प्रशासन की ओर से उसके पिता की मौत की सूचना दी गई वह धड़ाम से अपनी कुर्सी से गिर पड़ा।
फिलहाल उसने भरे गले से इतना ही कहा कि दो दिन पहले इन पुलिस वालों ने अस्पताल में भर्ती पिता को शीशे से भी देखने नहीं दिया और आज जब वह इस दुनिया में नहीं है तो वही पुलिस प्रशासन उनके जनाजे को कंधा देने के लिए बुलावा भेज रहा है।
ऐसे में एक बेटे के दिल पर क्या गुजर रही होगी, इन अधिकारियों को क्या मालूम। बकौल उमर जबसे उम्र संभाली तब से कई साल बिना पिता के बिताए हैं, भरोसा था कि कभी तो पिता का कंधा सिर रखने के लिए मिलेगा, लेकिन क्या पता था कि वह कंधा अब उसे कभी नसीब नहीं होगा।
मुख्तार अंसारी वर्ष 2016 में बांदा जेल भेजा गया था। वर्ष 2017 में प्रोटक्शन वारंट पर पंजाब की रोपड जेल गया लेकिन अप्रैल 2021 को पुन: बांदा जेल में शिफ्ट कर दिया गया। तब से मुख्तार अंसारी व परिजन लगातार जेल प्रशासन पर हत्या करने का आरोप लगाते रहे है।
इलाहाबाद में अतीक व उसके भाई की हत्या के बाद के बेटे व वकील ने मुख्तार के बीमार होने व जेल प्रशासन पर इलाज न कराने का आरोप लगाया। इसके बाद मुख्तार के पूर्व सांसद भाई ने जेल प्रशासन पर मुख्तार की हत्या के लिए बाहरी लोगों के प्रवेश का आरोप लगाया। कहा कि जेल प्रशासन हत्या की साजिश कर रहा है। यह सिलसिला थमा नहीं। हाल ही में मुख्तार के वकील ने जेल प्रशासन पर जहर देने का आरोप लगाया। कहा कि जहर देने से मुख्तार की हालत बिगड़ गई है। उसके पेट व शरीर में दर्द है।