दिव्य दंत मंजन को लेकर रामदेव पर घिरे मुसीबतों के बादल, कोर्ट की तरफ से आया नोटिस

नई दिल्ली, बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को अपने दिव्यदंत मंजन उत्पाद को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. लोग दावा कर रहे हैं कि इसमें मांसाहारी तत्व हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, और न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार, पतंजलि, बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और कुछ अन्य को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

याचिका में तर्क दिया गया है कि दिव्यदंत मंजन में मछली आधारित तत्व होने के बावजूद इसे शाकाहारी के रूप में बेचा जा रहा है. याचिका दायर करने वाले वकील यतिन शर्मा ने यहां तक कहा कि इसमें समुद्री झाग (जो कटलफिश है) मौजूद है. याचिकाकर्ता पहले ही दिल्ली पुलिस, स्वास्थ्य मंत्रालय, FSSAI, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और आयुष मंत्रालय से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ, इसलिए अब वे इसे न्यायालय ले जा रहे हैं. अगली सुनवाई 28 नवंबर को तय की गई है.

गलत Logo इस्तेमाल करने का आरोप

याचिका में कहा गया है कि टूथपेस्ट में कुछ नॉन-वेज तत्व हैं, लेकिन कंपनी इसे हरे रंग के बिंदु के साथ प्रचारित कर रही है, जिसका मतलब है कि यह केवल शाकाहारी चीजों से बना है. कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और बाबा रामदेव को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. उन्होंने केंद्र सरकार और टूथपेस्ट बनाने वाली पतंजलि की दिव्य फार्मेसी से भी संपर्क किया है. यतिन का तर्क है कि बाबा रामदेव ने एक वीडियो में यहां तक कहा कि इसमें ‘समुद्री झाग’ है, फिर भी कंपनी इसे शाकाहारी बताकर लोगों को गुमराह कर रही है.

याचिका दायर करने वाले व्यक्ति का कहना है कि कंपनी के टूथपेस्ट में नॉन-वेज सामग्री डालने से उनकी धार्मिक मान्यताओं के साथ खिलवाड़ हुआ है. यह पहली बार नहीं है जब बाबा रामदेव को अपने उत्पादों को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा है. कुछ समय पहले ही उन्हें भ्रामक विज्ञापनों को लेकर एक मामले में समझौता करना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी थी. साथ ही, उनके कई उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

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