लखनऊ, नवरात्रि का त्योहार न सिर्फ पूजा और व्रत का पर्व है, बल्कि यह भक्ति, सम्मान और परिवार के साथ जुड़ाव का प्रतीक भी है। इस पावन अवसर पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इसे देवी दुर्गा के रूप में कन्याओं को आमंत्रित करके किया जाता है।
इस पूजा में कन्याओं के पैरों को धोकर, तिलक और फूल चढ़ाकर, उन्हें भोजन कराकर और उपहार देकर उनका सम्मान किया जाता है। यह केवल पूजा का तरीका नहीं है, बल्कि यह हमें सिखाता है कि छोटे बच्चों और कन्याओं का आदर करना भी धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारी है। नवरात्रि 2025 में नवमी तिथि (कुछ लोग अष्टमी को पूजन कर चुके हैं कुछ नवमी को पूजन करेंगे) को यह पूजन बड़े श्रद्धा और प्रेम के साथ किया जाएगा
कन्या पूजन करने से घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है। यह पूजन अहंकार को कम करता है और देवी दुर्गा का आशीर्वाद देता है। अगर घर पर छोटी कन्याएँ न हों, तो देवी की मूर्ति या चित्र को कन्या मानकर पूजा की जा सकती है।
पूजन की तैयारी
कन्या पूजन की तैयारी करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे –
- घर और पूजा स्थल को साफ करें।
- खुद स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- कन्याओं को पहले से बुला लें।
कन्याओं का सम्मान कैसे करें?
कन्या पूजन के लिए अपने घर जिन कन्याओं को आमंत्रित करें उनके आदर-सम्मान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। उनके उचित सम्मान के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें-
- 2 से 10 साल की कन्याओं को देवी मानकर आमंत्रित करें।
- उनके पैरों को हल्के पानी, दूध और फूल से धोएँ।
- माथे पर तिलक लगाएँ और फूल चढ़ाएँ।
- उन्हें बैठाकर भोजन कराएँ।
भोजन और उपहार?
कन्याओं के लिए भोजन बनाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसे-
- भोजन में प्याज, लहसुन या मांसाहारी चीजें न रखें।
- खाने के बाद हर कन्या को उपहार या पैसे दें।
- अंत में उनका आशीर्वाद लें और चरण छूकर विदा करें।
कन्या पूजन से जुड़े जरूरी टिप्स
- किसी को भी अलग न समझें, सभी को बराबर सम्मान दें।
- भोजन में भारी मसाले न डालें।
- कन्याओं का अपमान या झगड़ा न करें।
इन आसान टिप्स को अपनाकर आप इस नवरात्रि में कन्या पूजन को सरल, सुंदर और शुभ बना सकते हैं। यह पूजा सिर्फ अनुष्ठान नहीं, बल्कि भक्ति, सम्मान और घर में खुशहाली बढ़ाने का तरीका भी है।