नई दिल्ली, ब्रेन स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें दिमाग की नस फट जाती है। कुछ मामलों में स्ट्रोक आने से एक सप्ताह पहले इसके लक्षण दिखने लगते हैं। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से –
स्ट्रोक को ब्रेन अटैक भी कहा जाता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब ब्रेन में सही तरह से खून की सप्लाई नहीं हो पाती है या ब्रेन में रक्त वाहिका फट जाती है। ऐसे में, मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है, जिसकी वजह से मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में अगर मरीज को तुरंत इलाज न मिले, तो विकलांगता या मृत्यु का खतरा होता है। हालांकि, स्ट्रोक आने से पहले शरीर में इसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। एक स्टडी के अनुसार, स्ट्रोक के 43% मरीजों ने स्ट्रोक आने से एक सप्ताह पहले तक मिनी स्ट्रोक के लक्षणों का अनुभव किया।
ब्रेन स्ट्रोक की तरह मिनी स्ट्रोक भी दिमाग में ब्लड की सप्लाई रुकने के कारण आता है। लेकिन इससे स्थायी क्षति नहीं होती है और 24 घंटे में खुद ही ठीक हो जाता है। हालांकि, इसके लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय रहते स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानकर इलाज लेने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि स्ट्रोक आने से 7 दिन पहले कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं –
हाथ-पैरों में कमजोरी
स्ट्रोक आने से करीब सात दिन पहले व्यक्ति को हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस हो सकती है। साथ ही, हाथ या पैरों में सुन्नता का अनुभव भी हो सकता है। इस तरह के लक्षण नजर आने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
धुंधला दिखाई देना
स्ट्रोक आने से सात दिन पहले मरीज को अचानक से कम या धुंधला दिखाई देने लगता है। आपको इस लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
कंफ्यूजन
स्ट्रोक आने से सात दिन पहले व्यक्ति को अचानक कंफ्यूजन होने लगता है। उसे चीजों को समझने या याद रखने में कठिनाई होती है। साथ ही, बोलने में भी परेशानी होती है। इन लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज न करें।
साफ बोलने में दिक्कत होना
स्ट्रोक आने से एक सप्ताह पहले मरीज को बोलने में दिक्कत महसूस हो सकती है। ऐसी स्थिति में वह स्पष्ट रूप से नहीं बोल या समझ पाता है। अगर आपको ये लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बैलेंस बिगड़ना
स्ट्रोक आने से सात दिन पहले व्यक्ति को शरीर का संतुलन बनाए रखने में परेशानी आ सकती है। ऐसे में, मरीज को चलने-फिरने में दिक्कत होती है। इतना ही नहीं, सही तरह से बैलेंस न बना पाने के कारण व्यक्ति गिर भी सकता है।
याददाश्त कम होना
स्ट्रोक आने से पहले व्यक्ति की यादाश्त पर भी असर पड़ने लगता है। ऐसे में, उसे चीजों को याद रखने में या किसी चीज पर फोकस करने में दिक्कत होने लगती है।
साफ बोलने में दिक्कत होना
स्ट्रोक आने से एक सप्ताह पहले मरीज को बोलने में दिक्कत महसूस हो सकती है। ऐसी स्थिति में वह स्पष्ट रूप से नहीं बोल या समझ पाता है। अगर आपको ये लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बैलेंस बिगड़ना
स्ट्रोक आने से सात दिन पहले व्यक्ति को शरीर का संतुलन बनाए रखने में परेशानी आ सकती है। ऐसे में, मरीज को चलने-फिरने में दिक्कत होती है। इतना ही नहीं, सही तरह से बैलेंस न बना पाने के कारण व्यक्ति गिर भी सकता है।
याददाश्त कम होना
स्ट्रोक आने से पहले व्यक्ति की याददाश्त पर भी असर पड़ने लगता है। ऐसे में, उसे चीजों को याद रखने में या किसी चीज पर फोकस करने में दिक्कत होने लगती है।