थम गए पहिए! नए हिट एंड रन कानून से क्यों नाराज हैं ट्रांसपोर्टर और ड्राइवर? आखिर क्या है नए और पुराने में अंतर

नई दिल्ली, केंद्र सरकार के नए हिट एंट रन कानून (hit and run law) के खिलाफ ट्रांसफोर्टर और ड्राइवरों ने विरोध शुरू कर दिया है। दरअसल, इस नए कानून के तहत दुर्घटना की स्थिति में ड्राइवरों को ज्यादा सजा और ज्यादा जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

नए कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया है। नए कानून के मुताबिक यदि कोई वाहन चालक एक्सीडेंट के बाद घटनास्थल से भाग जाता है और पीड़ित की मौत हो जाती है, तो उसे 10 साल की सजा दी जा सकती है।

नए कानून के मुताबिक यदि दुर्घटना के बाद संबंधित ड्राइवर व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाता है तो उसकी सजा कम किए जाने का प्रावधान है। सरकार का कहना है पुराना कानून औपनिवेशिक कानून है। इसलिए उसने कानून में बदलाव किया है।

वहीं पुराना कानून में 304ए के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण मौत होने पर दो साल की सजा का प्रावधान है। इसी को अब बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। पुराने कानून के तहत असाधारण मामलों में 302 (हत्या) का आरोप लगाया जाता है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की परिवहन समिति के अध्यक्ष मुकाती ने बताया कि हिट एंड रन के मामलों में सरकार द्वारा अचानक पेश कर दिए गए कड़े प्रावधानों को लेकर चालकों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि इन प्रावधानों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को ‘हिट एंड रन’ के मामलों में विदेशों की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाने से पहले विदेशों की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

ट्रांसपोर्टर्स का मानना है कि पहले से ही ड्राइवरों की कमी है, ऐसे में नया कानून लागू होने के बाद ड्राइवरों की और कमी हो जाएगी। इस कानून के बाद नए लोग ड्राइवरी का पेशा अपनाना नहीं चाहेंगे और ड्राइवरों का संकट और बढ़ जाएगा।

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