स्टैन स्वामी के निधन पर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने दुख जताया

नई दिल्ली, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के उच्च मानवाधिकार अधिकारियों ने ईसाई पादरी और कार्यकर्ता स्टैन स्वामी के निधन पर दुख जताया और कहा कि भारत में मूल निवासियों के अधिकारों के लिए लडऩे वाले 84 वर्षीय स्वामी को च्च्आतंकवाद के झूठे आरोपों” में जेल में बंद किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र की ‘स्पेशल रिपोर्टर ऑन ह्यूमन राईट्स ‘ मैरी लॉलर ने कहा, च्च्आज भारत से बेहद दुखी करने वाली खबर आई है। मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईसाई पादरी फादर स्टैन स्वामी का निधन हो गया है। उन्हें आतंकवाद के झूठे आरोपों में नौ महीने तक हिरासत में रखा गया था। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल में रखना स्वीकार्य नहीं है।” इससे पहले उन्होंने स्वामी की बिगड़ती हालत पर ङ्क्षचता जताई थी और उनके लिए विशेष उपचार की मांग की थी। उन्होंने स्वामी के खिलाफ आरोपों को च्च्आधारहीन” बताया।

यूरोपीय संघ के मानवाधिकार के लिए विशेष प्रतिनिधि ईमन गिलमोर ने लॉलर के ट्वीट को साझा कर ट्वीट किया, इंडिया: मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि स्टैन स्वामी का निधन हो गया है। वह मूलनिवासी लोगों को अधिकारों के लिए लडऩे वाले कार्यकर्ता थे। उन्हें पिछले नौ महीने से हिरासत में रखा गया था। ईयू ने बार-बार इस मामले को उठाया था।”

स्वामी का सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था जहां उन्हें 29 मई को भर्ती कराया गया था। उन्हें एल्गार परिषद मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अक्टूबर 2020 में रांची से गिरफ्तार किया था।

भारत ने स्टैन स्वामी मामले पर आलोचनाओं को खारिज किया
फादर स्टैन स्वामी के मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती आलोचनाओं को भारत ने मंगलवार को खारिज कर दिया और कहा कि संबंधित अधिकारी कानून के उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाते हैं और कानूनी अधिकारों को नहीं रोकते हैं। वह विचाराधीन कैदी थे जिनकी सोमवार को मौत हो गई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने सभी नागरिकों के मानवाधिकारों के संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए संकल्पबद्ध है और देश की लोकतांत्रिक नीति स्वतंत्र न्यायपालिका एवं राष्ट्रीय तथा कई राज्य स्तरीय मानवाधिकार आयोगों के अनुरूप है। एल्गार परिषद् मामले में पिछले वर्ष अवैध गतिविधियां (निवारण) कानून के तहत गिरफ्तार स्टैन स्वामी की सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो गई।

मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने कानूनी प्रक्रिया के तहत फादर स्टैन स्वामी को गिरफ्तार किया और हिरासत में रखा, क्योंकि उनके खिलाफ विशिष्ट आरोप थे, अदालतों से उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हुईं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ”भारत में अधिकारी कानून के उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाते हैं न कि किसी के कानूनी अधिकारों के खिलाफ। इस तरह की सारी कार्रवाई कानून के अनुसार हैं।

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