लखनऊ : लखनऊ का मोहर्रम अलहदा होता है। ऑनलाइन चित्रों के जरिए मोहर्रम, कर्बला के शहीदों का मंजर दिखाने की कोशिश की गई। चित्र व पेटिंग प्रतियोगिता में देश-विदेश से कलाकार आनलाइन जुड़े। ये प्रदर्शनी पिछले 13 वर्षों से वन वाइस संस्था द्वारा आयोजित की जा रही मोहर्रम प्रदर्शनी कोरोना के कारण आनलाइन हुई। प्रदर्शनी के लिए करीब 180 छायाचित्र आए थे।
आनलाइन प्रदर्शनी के आयोजक एसएन लाल ने बताया कि प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य मानवता के प्रति लोगों को जागृत करना है। इमाम हुसैन ने मानवता को बचाने के लिए अपनी और अपने पूरे खानदान व दोस्तों की कुर्बानी दी है, इसीलिए इमाम हुसैन के नाम की प्रदर्शनी का आयोजन करके और सब्र करने का संदेश देते हैं। इस प्रदर्शनी में लखनऊ में मोहर्रम के हर रूप को समाहित करने का प्रयास रहता है।
दशर्नी में पूरे भारत से फोटो आर्टिस्ट में आजम हुसैन, सज्जाद बाकर ,जुल्किल्फ रिजवी, अली जैन नकवी, जैक, मासूम रजा, नवाब मसूद अब्दुल्ला, जैक, ज्योति सिद्दीकी (लखनऊ), कनिका मोहीले (दिल्ली), मो कमर (शाहजहांपुर), अन्जुमन-ए- अब्बासिया (नगराम) शामिल रहे। विदेशी छायाकारों में रुबी हुसैन (लंदन), मसद्दीक़ रजा कुम्मी, जोहर लॉक, रेहाना शहबाजी, मिनता सामाई, जव्वाद इल्मियां, मसूद मोहम्मदी, मौलूद अजीजी (ईरान), रुबी हैदर (पाकितान), सहर जैदी (ओमान) ने हिस्सा लिया।
वहीं, पेंटिंग कलाकारों में विदेशी कलाकार जलाल फॉड (इराक) भारत के कलाकारों में तबस्सुम फात्मा, नूरी, सबीहा हसन सुम्बुल, समरीन फात्मा, अनीसा खातून, मरयम, दीपती, मनीषा राय, अनम रिजवी, अम्बर फात्मा, रजा हुसैन आदि शामिल रहे। आयोजन में जुडऩे वालों में प्रो साबिरा हबीब, स्वामी सारंग, नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह, डा सरवत तकी, प्रो कमर जहां, रुबिना, मौलाना खालिद, मेहराज हैदर, अनीस अन्सारी, असगर मेंहदी, नवाब मसूद अब्दुल्लाह आदि ने अपने वक्तव्य में कहा इमाम हुसैन ने पूरी मानवता की रक्षा के लिए सब्र करने का मार्ग दिखाया है, उस मार्ग चलकर मानवता और इंसाफ कभी डगमगा नहीं सकता।