राष्ट्रगान के अपमान का मामला, सोशल मीडिया पर गलती उजागर करने वाले के खिलाफ ही हुई एफआईआर

बांदा, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में 15 अगस्त के दिन राष्ट्रगान बजने के दौरान ही कुछ नेता और अफसर टहलते नजर आए थे. नेताओं और अफसरों ने अपनी गलती पर माफी मांगने की बजाय सोशल मीडिया यूजर पर ही वीडियो को वायरल करने का आरोप लगाया और मंगलवार को एफआईआर दर्ज करा दी।

बांदा सिटी के डिप्टी एसपी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी के प्रतिनिधि की ओर से वायरल वीडियो के संदर्भ में आईटी एक्ट का एक मुकदमा दर्ज करवाया गया है. केस की विवेचना कोतवाली नगर पुलिस द्वारा की जा रही है.

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में भारतीय जनता पार्टी के विधायक और सांसद से लेकर तमाम बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस अधिकारी राष्ट्रगान छोड़कर बीच में ही जाते दिखाई दे रहे हैं। इन अधिकारियों में कमिश्नर से लेकर आईजी रैंक के भी अधिकारी हैं.

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर नेताओं और अफसरों को जमकर ट्रोल किया जा रहा है. विधायक ने भले ही इसे आधारहीन बताते हुए एफआईआर दर्ज करवा दी हो लेकिन खुद उनकी पार्टी बीजेपी इस मामले में पहले ही अपनी गलती स्वीकार करते हुए साउंड सर्विस वालों पर दो बार राष्ट्रगान बजाने का ठीकरा फोड़ चुकी है।

बांदा के नवाब टैंक में नवनिर्मित 151 फुट ऊंचे झंडे के ध्वजारोहण के दौरान राष्ट्रगान के बीच से ही नेता और अफसर चलते बने. राष्ट्रगान के बीच से ही सांसद आरके पटेल, चारों बीजेपी विधायक, बीजेपी के कई नेता, कमिश्नर, आईजी, डीएम, एसपी व अन्य अफसर वहां से हटकर कहीं और जाते दिख रहे हैं.

इस मामले में बीजेपी का कहना है कि ऐसा साउंड सर्विस वाले की नासमझी की वजह से हुआ है, जिसने दो बार राष्ट्रगान बजा दिया. वहां एक बार राष्ट्रगान हो चुका था और हम सावधान की मुद्रा में खड़े हो चुके थे।

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