खार्तूम, सूडान में सेना ने देश के प्रधानमंत्री और अंतरिम सरकार के मंत्रियों समेत कई सदस्यों को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया है। सेना ने परवर्ती सरकार को भंग कर आपातकाल लगा दिया है।
तख्तापलट के विरोधियों ने सड़कों पर इस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया, जिसमें गोलीबारी के बाद कई लोगों के चोटिल होने की खबरें हैं। उधर, सेना ने सरकारी रेडियो और टीवी को भी अपने कब्जे में ले लिया है।
सूडान में सत्ता साझा करने वाली सत्ताधारी संस्था, संप्रभु परिषद का नेतृत्व करने वाले जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुरहान ने देश भर में आपातकाल की घोषणा की और मौजूदा सरकार को भंग कर दिया। सूचना मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक को तख्तापलट के समर्थन में बयान जारी करने के सनिकार करने के बाद हिरासत में लेकर किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है।
इस बीच, तख्तापलट का विरोध करने वाले हजारों लोग सड़कों पर उतरे और राजधानी खार्तूम में सैन्य मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को लेकर शहर के विभिन्न हिस्सों में टायर जलाए। इस बीच गोलीबारी और झड़पों में 12 लोगों के घायल होने की खबरें हैं। सूडान पीएम के सलाहकार एडम हेरिका ने बताया कि अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि की मौजूदगी में सत्तारूढ़ परिषद के साथ समझौते के बाद भी तख्तापलट हो गया है।
दो वर्ष पूर्व लंबे समय से सूडान पर शासन कर रहे उमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के बाद एक अंतरिम सरकार अस्तित्व में आई थी। तभी से सेना और सरकार में तकरार हालात थे। अब तख्तापलट के बाद खार्तूम में इंटरनेट बंद है। जबकि गुस्साई भीड़ सड़कों पर टायर जलाती दिख रही है। राजधानी में सेना और अर्धसैनिक बल तैनात हैं और लोगों की आवाजाही सीमित कर दी गई है। खार्तूम हवाईअड्ड् भी बंद कर सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ाने रोक दी गई हैं। लोकतंत्र समर्थक समूहों का कहना है कि सेना ने सुनियोजित ढंग से तख्तापलट को अंजाम दिया ताकि वो फिर से सत्ता में आ सके।
इस तख्तापलट के बाद अमेरिका ने सूडान के हालात पर चिंता जताई है। सूडान का दौरा कर रहे अमेरिकी विशेष दूत, एडम फेल्टमैन ने ट्वीट किया कि अमेरिका एक सैन्य अधिग्रहण की खबरों से बहुत चिंतित है और इससे अमेरिकी सहायता खतरे में पडेगी। उधर संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और अफ्रीकी संघ ने भी इस तख्तापलट पर चिंता जताते हुए सियासी नेताओं की रिहाई और मानवाधिकारों के सम्मान की बात कही।