नई दिल्ली, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के समर्थन के लिए उनका ‘हार्दिक आभार’ व्यक्त किया और साथ ही हरियाणा विधानसभा चुनावों में पार्टी की ‘अप्रत्याशित’ हार का विश्लेषण करने की आवश्यकता को भी स्वीकार किया.
राहुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को मेरा हार्दिक धन्यवाद. राज्य में भारत की जीत संविधान की जीत है, लोकतांत्रिक स्वाभिमान की जीत है.
राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजों का विश्लेषण कर रहे हैं. हम कई विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों के बारे में चुनाव आयोग को सूचित करेंगे.
चुनावी हार के बावजूद प्रतिबद्धता का संकेत देते हुए राहुल ने कहा कि हरियाणा के सभी लोगों को उनके समर्थन और हमारे बब्बर शेर कार्यकर्ताओं को उनकी अथक मेहनत के लिए दिल से धन्यवाद. हम अधिकारों के लिए, सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए, सच्चाई के लिए यह लड़ाई जारी रखेंगे और आपकी आवाज उठाते रहेंगे.
हरियाणा में हार और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया था. मालवीय ने राहुल गांधी पर हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद अहंकार और विनम्रता की कमी प्रदर्शित करने का आरोप लगाया. अमित मालवीय के आरोपों के बाद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
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भाजपा ने 48 सीटों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. 2014 के चुनावों से भाजपा को राज्य में 47 सीटें मिली थीं. मंगलवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के आए नतीजों में कांग्रेस 37 सीटें हासिल करने में सफल रही, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने दो और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.
भाजपा ने हरियाणा की 90 में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ा, सिरसा में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया, जहां उसके सहयोगी गोपाल कांडा मौजूदा विधायक थे; हालांकि, कांडा चुनाव में अपनी सीट हार गए. हालांकि, INDIA गठबंधन जम्मू और कश्मीर में पहली निर्वाचित सरकार बनाने के लिए तैयार है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन ने 90 में से 49 सीटें जीतीं हैं. पांच साल पहले 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए गए. जम्मू-कश्मीर की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) 42 सीटें जीतकर सबसे आगे रही और पूर्ण बहुमत से केवल छह सीट पीछे रह गई.