पेगासस जासूसी मामले में याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनाएगा अपना आदेश

नई दिल्ली, पेगासस जासूसी मामले में अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कल यानी बुधवार को अपना आदेश सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ये फैसला सुनाएगी।

इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं। पेगासस जासूसी कांड की जांच को लेकर 12 याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें वकील एमएल शर्मा, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, पत्रकार एन राम, पूर्व आईआईएम प्रोफेसर जगदीप चोककर, नरेंद्र मिश्रा, परंजॉय गुहा ठाकुरता, रूपेश कुमार सिंह, एसएनएम आब्दी, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का नाम शामिल है।

बता दें कि इससे पहले पेगासस जासूसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 13 सितंबर को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने साफ कर दिया था कि वह इस मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने जा रही है। सरकार ने कहा था कि यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है, इसलिए हलफनामा दाखिल नहीं कर सकते। लेकिन वह जासूसी के आरोपों की जांच के लिए पैनल गठित करने के लिए राजी है।

हलफनामा देने से इनकार करने पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने पेगासस मुद्दे पर केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप बार-बार उसी बात पर वापस जा रहे हैं। हम जानना चाहते हैं कि सरकार अब तक क्या कर रही थी। हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों की ओर नहीं जा रहे। हमारी सीमित चिंता लोगों के बारे में है। समिति की नियुक्ति कोई मुद्दा नहीं है। हलफनामे का उद्देश्य है कि हमें पता चले कि आप कर क्या रहे हैं।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा था कि हमें रक्षा, सुरक्षा से जुड़ी कोई जानकारी नहीं चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हमारे सामने याचिकाकर्ता हैं, जो स्पाइवेयर के गैरकानूनी इस्तेमाल के जरिये अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। हम इस मामले में विस्तृत हलफनामे से केवल सरकार का पक्ष जानना चाहते हैं। याचिकाकर्ताओं ने कैबिनेट सचिव को हलफनामा देने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

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