नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट वीवीपैट मशीन की पर्चियों के मिलान के मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। शीर्ष अदालत का कहना है कि इस मामले में 16 अप्रैल को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि वह अगले मंगलवार को इस मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी
कोर्ट ने 1 अप्रैल 2024 को सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल की याचिका पर चुनाव आयोग और केंद्र से जवाब मांगा था। याचिका में चुनावों में वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग की गई थी। 3 अप्रैल को एडीआर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने मांग की थी कि याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए।
वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायणन भी इस मामले में कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि चुनाव नजदीक हैं और अगर इस मामले पर सुनवाई नहीं की गई तो यह याचिका निष्फल हो जाएगी। इसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह अन्य मामलों के साथ एडीआर द्वारा दायर याचिका पर जल्द सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने याचिका दायर कर ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT)) पर्चियों का मिलान करने की मांग की थी। वीवीपैट एक स्वतंत्र वोट सत्यापन मशीन है, जिससे पता चलता है कि मतदाता ने जो वोट डाला है, वो सही तरीके से डाला गया है या नहीं।mm
अभी वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से सिर्फ पांच कोई भी चयनित ईवीएम के सत्यापन का चलन है। सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती करने और उनकी ईवीएम से मिलान करने की मांग की है।