कोरोना के डेल्टा और अन्य वेरिएंट के असर को बेअसर करता है स्पूतनिक वी टीका

नई दिल्ली, गमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी एंड RDIF ने सोमवार को SARS के नए वेरिएंट के खिलाफ स्पुतनिक V वैक्सीन के टीके लगाए गए व्यक्तियों पर रिसर्च कर ये पता लगाया कि वैक्सीन के प्रभाव से सेरा की गतिविधि बेअसर हो रही है. कंपनी ने कहा कि रिसर्च में पाया गया कि स्पुतनिक V वैक्सीन लगाए जाने वाले लोगों के शरीर में अल्फा B.1.1.7 (पहली बार यूके में पहचाना गया वैरिएंट), बीटा B.1.351 (पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया), गामा P.1 सहित नए वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षात्मक तटस्थ टाइटर्स  का उत्पादन हुआ है.

दरअसल US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने डेल्टा को एक सबसे ज्यादा ट्रांसमिसीबली COVID-19 संस्करण के रूप में कैटेगराइज किया है, जो “चिंता के प्रकार” के रूप में है।

गौरतलब है कि चिंता का प्रकार उस वायरस के वेरिएंट को दिया जाता है जो वैज्ञानिकों का मानना ​​​​है कि अधिक संक्रामक हैं या ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं. वायरस का पता लगाने वाले टीके, उपचार और टेस्ट भी चिंता के एक प्रकार के खिलाफ कम प्रभावी हो सकते हैं. पहले, CDC ने डेल्टा संस्करण को वैरिएंट वायरस का एक प्रकार माना था.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 38.86 करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध कराई गई है. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अभी वैक्सीन की 1.54 करोड़ से ज़्यादा डोज उपलब्ध है: स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी. भारत में पिछले 24 घंटों में 37,154 नए मामले सामने आए, 4,50,899 पर एक्टिव केस, रिकवरी रेट बढ़कर 97.22 फीसदी हुआ हुआ. देश में कुल कोरोना मामलों का आंकड़ा बढ़कर 3,08,74,376 पर पहुंच गया है. देश में मौतों का आंकड़ा भी बढ़कर 4,08,764 पर पहुंच गया है. वहीं देश में 37,73,52,501 लोगों को अब तक वैक्सीन लगाई जा चुकी है.भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 14,32,343 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 43,23,17,813 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं।

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