लखनऊ, जेल रोड के रास्ते नगराम की ओर जा रही तेज रफ्तार कार टायर फटने के चलते अनियंत्रित होकर इंदिरा नहर में गिर गई। पुलिस ने ग्रामीणों और स्थानीय गोताखोरों की मदद से तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया।
हादसे में कार सवार संगीता मिश्रा, उनकी सास रूपा देवी, बेटी चाहत और भतीजे रूपेश की मौत हो गई, जबकि उनकी बेटी अनन्या और बेटा रुद्र अब भी लापता हैं।
दोनों बच्चों की खोजबीन के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के गोताखोरों का विशेष दस्ता लगाया गया है। देर रात तक दोनों टीमों का बचाव अभियान जारी रहा। क्रेन के देर से पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बवाल की सूचना पर नगराम, गोसाईगंज और मोहनलालगंज समेत कई थानों की पुलिस और अफसर मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
एडीसीपी दक्षिणी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि संगीता पत्नी राम पाल मिश्रा मूल रूप से पीलीभीत के मेनी बिलसंडा की रहने वाली थीं। संगीता अपने बच्चों, सास और चालक कुलदीप के साथ ही परिवार के गोधन और कपिल के साथ वैगनआर कार से अपने पिता गंगा प्रसाद मिश्रा के पास अचली खेड़ा नगराम जा रही थीं। गंगा प्रसाद सुलतानपुर के राजापुर कुड़वार के रहने वाले हैं। वह यहां अचली खेड़ा में एक पूर्व आइएएस के फार्म हाउस में नौकरी करते हैं। संगीता परिवार के साथ उन्हीं से मिलने जा रही थीं। इस बीच जेल रोड से नगराम मार्ग पर उनकी तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई।
खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों और राहगीरों ने हादसा देख पुलिस को सूचना दी। घटना से मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर समीम खान पुलिस टीम के साथ पहुंचे। स्थानीय गोताखोरों और ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने चालक कुलदीप, गोधन और कपिल को सुरक्षित निकाल लिया। हालत नाजुक देख तीनों को अस्पताल भेज दिया गया। मामले की जानकारी एसडीआरएफ को दी गई। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम पहुंची। इसके बाद क्रेन की मदद से कार को टांगकर निकाला गया। कार और नदी से रेस्क्यू टीम ने संगीता, रूपा, चाहत और रूपेश को निकाला। चारों अचेत थे। उन्हें अस्पताल भेजा गया। जहां, डाक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया गया। अभी अनन्या और रुद्र लापता हैं। उनकी खोजबीन की जा रही है।
एसडीआरएफ के कमांडेंट डा. सतीश कुमार ने बताया कि इंस्पेक्टर सुशील कुमार के निर्देशन में एसडीआरएफ की 18 सदस्यीय टीम रेस्क्यू के लिए भेजी गई है। टीम अत्याधुनिक उपकरणों और बोट से बच्चों की खोजबीन में लग गई है। जल्द ही दोनों बच्चों को बरामद कर लिया जाएगा। टीमें रात तक लगी रहेंगी।
सूचना के बाद पुलिस की लापरवाही के चलते क्रेन करीब तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश था। ग्रामीणों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। बवाल बढ़ता देख पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद रेस्क्यू शुरू हुआ।