जातिगत समीकरण को साधने के लिए साइकिल पर सवार हुए सपा मुखिया अखिलेश, पीडीए’ यात्रा के जरिए लगाएंगे अन्य दलों में सेंध

लखनऊ, लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीस में साइकिल की मजबूती के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव करीब दो वर्ष बाद सोमवार को जब साइकिल पर सवार हुए तब उन्होंने नए राजनीतिक समीकरण की भी आधारशिला रख दी।

अपने परंपरागत वोटबैंक मुस्लिम-यादव (एमवाइ) गठजोड़ से आगे निकलकर ‘पीडीए'(पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की बात करने वाली सपा ने इसे और विस्तार देते हुए अगड़ों, आदिवासी व आधी आबादी से जोड़ते हुए अपनी मंशा साफ कर दी और इन्हें भी साथ लेकर चलने का संदेश दिया।

करीब तीन घंटे में 22 किलोमीटर की समाजवादी ‘पीडीए’ साइकिल यात्रा के जरिए अखिलेश ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट किया। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ‘नई सपा के नारे के साथ पूरे दमखम के साथ मैदान में तो उतरे लेकिन पार्टी 111 विधानसभा सीटों से आगे न बढ़ पाई।

अब लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए अबतक ‘पीडीए’ की राजनीति कर रहे अखिलेश ने अगड़ों को साथ लेकर नए राजनीतिक समीकरण बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। अखिलेश ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर पीडीए में ‘ए’ की व्याख्या की। हाल ही में हुए घोसी उपचुनाव में जीते सुधाकर सिंह की ओर इशारा करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि देखिए हमारे पीडीए में अगड़े भी साथ हैं।

समाजवादी ‘पीडीए’ यात्रा के जरिए अखिलेश ने सपा सरकार के कार्यों की याद दिलाने के लिए उस मार्ग को चुना जिसमें उनकी सरकार के दौरान के कई प्रोजेक्ट हैं। यात्रा अमूल प्लांट, कैंसर हास्पिटल, एचसीएल, पलासियो माल, इकाना स्टेडियम, लोहिया का मातृ शिशु अस्पताल व पुलिस मुख्यालय होते हुए अंत में जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंची।

अखिलेश ने कहा…यह यात्रा जहां से शुरू हुई और जहां खत्म हुई उसमें एक भी काम भाजपा का नहीं दिखाई दे रहा है। इस यात्रा के जरिए हमने एक बार फिर यह संदेश देने की कोशिश की है ये तमाम वही काम है जो आज भी जनता के काम आ रहे हैं। अखिलेश ने इससे पहले पांच अगस्त 2021 को लखनऊ में प्रदेश कार्यालय से लोहिया पथ होते हुए जनेश्वर मिश्र पार्क पर साइकिल चलाई थी।

इन सात मुद्दों पर फोकस रही पीडीए यात्रा सपा की पीडीए यात्रा सात मुद्दों पर फोकस रही। इसमें सामाजिक न्याय, जातीय जनगणना, हर स्तर पर अनुपातिक हिस्सेदारी, राजनीतिक ताकत बढ़ाने, आजम खां पर लगे झूठे आरोप का विराेध व अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार शामिल है। कांग्रेस ने पिछले दिनों आजम के बहाने अल्पसंख्यकों की हमदर्दी बटोरने की कोशिश की थी, अब अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाकर उसका भी जवाब सपा ने इस यात्रा के जरिए दिया है।

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