इस्लामाबाद, शहबाज शरीफ पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बन गए हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेता शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली है।
पाकिस्तान की संसद ने सोमवार को शहबाज शरीफ को निर्विरोध देश का 23वां प्रधानमंत्री चुन लिया। पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के संसद में मतदान में भाग नहीं लेने और वॉकआउट करने की घोषणा की थी, जिसके बाद 70 साल के शहबाज प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अकेले उम्मीदवार रह गए थे। शरीफ को 174 वोट मिले। तीन सौ 42 सदस्यीय सदन में जीत के लिए कम से कम 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी।
प्रधानमंत्री के रूप में सदन में अपने पहले भाषण में शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है। यह पूरे देश के लिए आज बड़ा दिन है, जहां एक चुने हुए प्रधानमंत्री को कानूनी और संवैधानिक तरीके से घर भेज दिया गया है।
तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज मुल्क के सबसे ज्यादा आबादी वाले और राजनीतिक रूप से अहम पंजाब प्रांत के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं। सितंबर 1951 में लाहौर में पंजाबी भाषी कश्मीरी परिवार में जन्में शहबाज ने 1980 के दशक के मध्य में अपने बड़े भाई नवाज के साथ राजनीति में प्रवेश किया। वह पहली बार 1988 में पंजाब विधानसभा के सदस्य चुने गए जब नवाज़ पंजाब के मुख्यमंत्री बने। शहबाज पहली बार 1997 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने जब उनके भाई केंद्र में प्रधानमंत्री थे। वह 2008 में दूसरी और 2013 में तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
पनामा पेपर्स मामले में 2017 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद, पीएमएल-एन ने शहबाज को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया। इसके बाद, 2018 के चुनावों के बाद वह नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता बने। विशेषज्ञों के मुताबिक, शहबाज के फौज के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। शहबाज ने पांच शादियां कीं। फिलहाल उनकी दो पत्नियां हैं- नुसरत और तहमीना दुर्रानी, जबकि उन्होंने तीन अन्य- आलिया हानी, नीलोफर खोजा और कुलसुम को तलाक दे दिया। नुसरत से उनके दो बेटे और तीन बेटियां और आलिया से एक बेटी है। उनके बड़े बेटे हमजा शहबाज पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। उनका छोटा बेटा सुलेमान शहबाज़ परिवार का कारोबार देखता है। वह धन शोधन और स्रोत से अधिक आय के मामले में फरार है और पिछले कुछ साल ब्रिटेन में है।