‘मेरी मौत के जिम्मेदार संजय निषाद’, फेसबुक पर पोस्ट कर निषाद पार्टी के नेता ने दी जान; दोस्त ने बताई कहानी

लखनऊ, महराजगंज के क्षेत्र के नरकटा गांव में रविवार को निषाद पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने खुदकुशी कर ली। उनका शव घर में फंदे से लटका मिला। धर्मात्मा की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाने से रोक दिया।

काफी समझाने के बाद परिजन माने और दोपहर बाद करीब तीन बजे पुलिस शव पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी। वहीं, धर्मात्मा के फेसबुक अकाउंट से की गई एक पोस्ट में पार्टी अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद और उनके बेटों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें खुदकुशी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।


निषाद पार्टी में प्रदेश सचिव के पद पर रहे
जानकारी के अनुसार, धर्मात्मा लंबे समय तक निषाद पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव के पद पर रहे। फिलहाल, वह पार्टी में किसी पद पर नहीं थे। रविवार की सुबह परिजनों ने घर के एक कमरे में धर्मात्मा को फंदे से लटका देखा। आनन-फानन फंदे से उतार कर उन्हें पीपीगंज स्थित अस्पताल ले गए जहां जांच के बाद डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव लेकर घर लौटे।

जानकारी के बाद पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने को कहा तो परिजनों ने धर्मात्मा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते हुए शव देने से इन्कार कर दिया। सुबह 10 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक परिजन शव लेकर बैठे रहे। इस दौरान जुटी भीड़ निषाद पार्टी के प्रमुख नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करती रही।

जानकारी के बाद पहुंचीं सीओ सदर आभा सिंह ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर धर्मात्मा के परिजनों को शांत कराया और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।


बुलाने पहुंचा दोस्त…फंदा लगा चुके थे धर्मात्मा
महराजगंज के पनियरा थाना इलाके के ग्राम पंचायत नरकटहां के छोटका नरकटहां टोला निवासी धर्मात्मा निषाद (29) संतकबीरनगर के मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। रविवार को वह अपने दोस्त अजय के साथ पोस्टर बनवाने जाने वाले थे। अजय सुबह धर्मात्मा के घर के बाहर पहुंचा और फोन करने लगा तो फोन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद छत पर स्थित कमरे में बुलाने गया तो धर्मात्मा को फंदे से लटका देखकर चीख पड़ा।

निषाद पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे धर्मात्मा निषाद संतकबीरनगर के मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। वह लंबे समय से मेंहदावल क्षेत्र में सक्रिय थे। गांव के ही रहने वाले धर्मात्मा के दोस्त अजय निषाद भी उनकी इस मुहिम में जुटे हुए थे। अजय ने बताया कि रविवार को पोस्टर और होर्डिंग बनवाने के लिए जाना था इसके लिए धर्मात्मा ने उसे बुलाया था। अजय सुबह धर्मात्मा के घर पहुंचा और फोन करने लगा तो कॉल रिसीव नहीं हुई।

कुछ देर इंतजार के बाद उसने कई बार फोन मिलाया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद छत पर स्थित धर्मात्मा के कमरे में उन्हें बुलाने पहुंचा तो दरवाजा भीतर से बंद देखा। कई बार आवाज देने के बाद दरवाजा नहीं खुला, इस बीच परिजन भी पहुंच गए। इसके बाद दरवाजा तोड़ा गया तो धर्मात्मा फंदे से लटके दिखे। आनन-फानन धर्मात्मा को फंदे से उतारकर पीपीगंज में डॉक्टर के यहां ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव लेकर घर लौट आए।

इसी बीच खुदकुशी के लिए पार्टी मुखिया डॉ. संजय निषाद और उनके बेटों को जिम्मेदार ठहराती उनकी फेसबुक पोस्ट भी वायरल हो गई। धर्मात्मा की मौत की मौत की जानकारी के बाद उनके घर पर समर्थकों और शुभचिंतकों की भीड़ जुट गई। मामले की जानकारी पर पुलिस टीम पहुंची तो मौके पर जुटे लोग धर्मात्मा को खुदकुशी के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा करने लगे

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि धर्मात्मा पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उनकी आत्महत्या की सूचना से स्तब्ध हूं। धर्मात्मा के सोशल मीडिया अकाउंट से मेरे और मेरे परिजनों के खिलाफ एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से असत्य टिप्पणी की गई है। मुझे पूरा भरोसा है कि धर्मात्मा ऐसा कभी नहीं कर सकते।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि धर्मात्मा पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उनकी आत्महत्या की सूचना से स्तब्ध हूं। धर्मात्मा के सोशल मीडिया अकाउंट से मेरे और मेरे परिजनों के खिलाफ एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से असत्य टिप्पणी की गई है। मुझे पूरा भरोसा है कि धर्मात्मा ऐसा कभी नहीं कर सकते।

डॉ. निषाद ने कहा कि इस पोस्ट के जरिये मेरी और मेरे परिवार के साथ ही पार्टी की छवि धूमिल करने की साजिश रची गई है। मैं इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच चाहता हूं, ताकि सच सामने आए कि आखिर धर्मात्मा ने किन परिस्थितियों में आत्मघाती कदम उठाया और किस व्यक्ति द्वारा यह पोस्ट कर हम सबकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया।

धर्मात्मा निषाद का असमय इस संसार को छोड़कर चले जाना अत्यंत दुखद है। मैं निःशब्द और स्तब्ध हूं। मुझे दुख है कि मेरे समाज का एक होनहार युवा राजनीति की भेंट चढ़ गया है। मैं जल्द ही स्वर्गीय धर्मात्मा निषाद के परिजनों से मुलाकात करने के पश्चात सभी के सवालों का जवाब दूंगा। महराजा गुह्याराज निषाद पुण्य आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को दुख की इस घड़ी में आत्मबल और संबल प्रदान करें।-डॉ. संजय निषाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद पार्टी

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