नई दिल्ली, इजरायल हमास युद्ध के बीच रूस ने सीरिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रूसी वायुसेना ने सीरिया के इदबिल में एयरस्ट्राइक कर करीब तीन दर्जन लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया है.
बताया जा रहा है कि रूस ने ये हमला सीरिया के इदलिब गवर्नरेट को निशाना बनाकर किया है. रूसी वायुसेना के इस हमले में अवैध सशस्त्र समूहों के 34 लड़ाकू मारे गए हैं. इसके अलावा इस हमले में 60 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है. बता दें कि अवैध सशस्त्र समूह के लड़ाकू सीरियाई सरकारी सैनिकों के ठिकानों पर गोलीबारी में शामिल थे.
इस हमले के जवाब में रूस ने ये कार्रवाई की 34 लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया. रूस के इंटरफैक्स द्वारा इस हमले की जानकारी दी गई. उसने रविवार देर रात हमले की जानकारी साझा की. इंटरएक्स ने हमले के बारे में रियर एडमिरल वादिम कुलित के हवाले से कहा कि रूसी एयरोस्पेस फोर्सेस ने इदलिब प्रांत में हमले को अंजाम दिया. कुलित ने कहा कि सशस्त्र समूहों ने 24 घंटों में सीरियाई सरकारी सैनिकों के ठिकानों पर सात बार हमला किया.
उधर सीरियाई सेना ने इदलिब और अलेप्पो प्रांतों में सरकार के कब्जे वाले क्षेत्रों पर हमलों के लिए विद्रोहियों को दोषी ठहराया है, जिनके बारे में उसका कहना है कि वे इस्लामी जिहादी हैं. उन्होंने विद्रोहियों के नियंत्रण वाले नागरिक क्षेत्रों पर अंधाधुंध गोलाबारी से इनकार किया है. वहीं विपक्षी विद्रोही समूह का कहना है कि रूस और सीरिया दोनों गाजा संघर्ष के बीच दुनिया की व्यस्तता का फायदा उठाकर उसके क्षेत्र पर हमले बढ़ा रहे हैं. बता दें कि रूस ने जिस इलाके में हमला किया है वहां के 30 लाख से ज्यादा लोगों ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के सत्तावादी शासन के अंदर रहने से इनकार किया है.
बता दें कि रूस सीरिया में लगातार विद्रोहियों के अड्डों को निशाना बनाता रहा है. इसी साल जून में भी रूस ने पश्चिमी सीरिया पर हवाई हमला किया था. इस हमले में 10 लोगों की मौत हुई थी. गौरतलब है कि रूस हमेशा सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन करता है. रूस उन्हें तख्तापलट से बचने के लिए सालों से सीरिया में डेरा जमाए हुए है. सीरिया में 12 साल पहले यानी 2011 में गृह युद्ध छिड़ गया था. क्योंकि वहां के लोग देश की सत्ता से नाराज थे. सीरिया के इस युद्ध में दुनिया के कई देश और कूद गए.