ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले नई और अधिक खतरनाक जोखिम को बढ़ा सकते हैं : WHO

नई दिल्ली, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन को लेकर नए खतरे के प्रति आगाह किया है। संगठन की यूरोप इकाई ने मंगलवार को चेतावनी दी कि दुनिया भर में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले नई और अधिक खतरनाक जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जितना ओमिक्रॉन फैलेगा उतने ही ज्यादा इसके भी रूप बदलेंगे। अब यह घातक हो गया है, यह मौत का सबब बन सकता है। संगठन की वरिष्ठ आपात अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने कहा है कि ओमिक्रॉन की बढ़ती संक्रमण दर विपरीत असर डाल सकती है।

स्मॉलवुड ने कहा कि यह जितना ज्यादा फैलेगा, उतने ही अपने रूप बनाएगा। यह भी आशंका है कि इसी बीच नए वैरिएंट पनप जाएं। अब यह घातक रूप ले चुका है। इससे मौतें हो सकती हैं, हो सकता है डेल्टा से कुछ कम या ज्यादा मौतें हों।

महामारी के बाद से सिर्फ यूरोप में ही 10 करोड़ से ज्यादा कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। 2021 के अंतिम सप्ताह में ही 50 लाख से ज्यादा केस मिले हैं। यह लगभग वही दौर है जो हम पूर्व में देख चुके हैं। यूरोप के हालात को लेकर स्मालवुड ने कहा कि हम बहुत खतरनाक दौर से गुजर रहे हैं। पश्चिम यूरोप में हम बहुत तेजी से संक्रमण फैलते देख रहे हैं।

स्मालवुड ने कहा कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन संक्रमण से पीड़ित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की जोखिम कम हुई है, लेकिन कुल मिलाकर यह नया वैरिएंट ज्यादा खतरानाक हो सकता है, क्योंकि इसकी संक्रमण दर बहुत अधिक है। जब इसके रोगी तेजी से बढ़ते हैं तो वे गंभीर बीमारी से ग्रस्त कई लोगों को संक्रमित कर सकते हैं और वे अस्पतालों में पहुंच सकते हैं। वहीं वे दम भी तोड़ सकते हैं।

ओमिक्रॉन के कहर के कारण मंगलवार को ब्रिटेन के अस्पतालों में स्टाफ का संकट पैदा होता नजर आया। वहां दैनिक कोरोना मरीजों की संख्या पहली बार 2 लाख के पार पहुंच गई। अस्पतालों में बहुत ज्यादा मरीज पहुंचने पर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा सकती हैं।

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