रात का बढ़ता तापमान ले रहा है केवल पुरुषों की जान, महिलाएं सुरक्षित, एक शोध में हुआ खुलासा

नई दिल्ली, गर्मियों की रात में तापमान बढ़ने से पुरुषों के मरने की संभावना अधिक हो जाती है. एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है. स्टडी के मुताबिक, सामान्य गर्मी के ऊपर केवल 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से ही दिल से जुड़ी बीमारियों से मौत का खतरा लगभग 4 प्रतिशत बढ़ जाता है।बीएमजे ओपन में प्रकाशित इस नई रिसर्च के अनुसार, रात में तापमान बढ़ने से मौत का खतरा केवल पुरुषों में ही देखा गया है. हालांकि महिलाओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं है।

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पिछली स्टडीज में पाया गया था कि गर्म मौसम के कारण मौत और दिल के मरीजों की संख्या बढ़ती है. लेकिन इस संबंध में किसी खास आयु वर्ग के लोगों का जिक्र नहीं था. इसलिए टोरंटो यूनिवर्सिटी की एक टीम ने 60-69 आयु वर्ग के लोगों की मौत के मामलों को देखा. इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिक्स के 2001 से 2015 के बीच जून-जुलाई में दिल की बीमारियों से हुई मौतों के आंकड़े जुटाए थे।

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स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने इंग्लैंड और वेल्स जैसे देशों को चुना था, क्योंकि इन महीनों में यूनाइटेड किंगडम में गर्मी सबसे तेज होती है. उन्होंने वॉशिंगटन के किंग काउंटी से भी इसी तरह के आंकड़े जुटाए थे, जहां का मौसम लगभग ऐसा ही रहता है।

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नतीजे बताते हैं कि 2001 से 2015 के बीच इंग्लैंड और वेल्स में दिल की बीमारियों से कुल 39,912 लोगों की मौत हुई, जबकि किंग काउंटी में 488 लोग मरे. शोधकर्ताओं ने पाया कि इंग्लैंड और वेल्स के तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से 60-64 साल के पुरुषों में दिल की बीमारी से मौत के जोखिम की दर 3.1 प्रतिशत रही. इस वर्ग में बुजुर्ग और महिलाएं शामिल नहीं थे।

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वहीं, किंग काउंटी के तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से 65 या इससे कम उम्र के पुरुषों में दिल की बीमारियों से मौत के जोखिम की दर 4.8 प्रतिशत थी. इंग्लैंड और वेल्स जैसे देशों को लेकर शोधकर्ताओं ने चिंता जाहिर की है, क्योंकि हाल ही में यहां रात के समय तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इन आंकड़ों को देखते हुए मध्य-अक्षांश से उच्च-अक्षांश क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के जोखिमों की भी समान रूप से जांच करनी चाहिए।

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दिल की बीमारियों में हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट जैसी घटनाएं हो सकती हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि रात में पसीने, सीने में जकड़न या बेचैनी जैसे लक्षण हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड में हर साल करीब 80,000 लोग हार्ट अटैक से जुड़े मामलों के चलते अस्पताल जाते हैं. इसलिए इसके लक्षण कभी इग्नोर नहीं करने चाहिए।

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