अमेरिका में फैले घातक कैंडिड फंगस के बढ़ते मामलें ने बढ़ाई सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों की चिंता

वाशिंगटन, अमेरिका में फैल रही एक घातक फंगस ने सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। शोधकर्ताओं को टेक्सास और वाशिंगटन के नर्सिंग होम और अस्पतालों में इसके कई मामले मिले हैं। सबसे ज्यादा परेशानी वाली बात यह है कि कुछ मामलों में तो इस पर कोई दवा भी असरदार नहीं है।

कैंडिडा आॉरिस (सी-आॉरिस) नाम के इस फंगस को लेकर पिछले हफ्ते सीडीसी द्वारा साझा की गई रिपोर्ट में इसे काफी खतरनाक बताया गया है। यीस्ट के रूप में फैलने वाला सी आॉरिस वर्ष 2009 में जापान में मिला था।

तब से इसका दुनिया भर में प्रसार हुआ है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह फंगस कोरोना काल में अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं को वाली जगह पर ज्यादा तेजी से फैला है।महामारी के कारण साल भर में इसकी ज्यादा निगरानी भी नहीं हो सकी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 120 से ज्यादा मामलों में से 5 में इस पर उपचार बेअसर रहा है। इसका ताजा संक्रमण इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच में फैलने का अनुमान जताया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इससे संक्रमित एक तिहाई मरीजों की 30 दिनों के भीतर ही मौत हो गई।

हालांकि वह पहले से काफी बीमार भी थे यही वजह है कि फंगस के कारण उनकी मौत पर पूरी तरह मुहर नहीं लग पाई है। वैसे बीते 8 साल में सीडीसी को दो हजार से ज्यादा अमेरिकियों की त्वचा पर सी आॉरिस पहचान की है।

कैंडिडा के ज्यादातर मामले न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, इलिनोइस और कैलिफोर्निया राज्यों में मिले थे। विशेषज्ञों के मुताबिक एक दफा अगर यह फंगस अस्पतालों में मजबूत पकड़ बना ले, तो फिर नियंत्रण बहुत मुश्किल हो जाता है। वीए पीट्सबर्ग हेल्थ केयर के डॉक्टर कॉर्नलियस जे क्लेंसी का कहना है कि अगर किसी दवा प्रतिरोधी रोगाणुओं की कल्पना करें तो और इस उन्हीं में से एक है।

चिंता की बात यह है कि कमजोर प्रतिरक्षा वाले प्रत्यारोपण कराने वाले और गंभीर मरीजों के लिए तो यह काल साबित हो सकता है। कुछ संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते यह फंगस दबे पांव फैल गया है। सीडीसी के मुताबिक ऐसे बैक्टीरिया या फंगस संक्रमणों से हर साल करीब 28 लाख अमेरिकी बीमार पड़ते हैं, जिनमें से 35,000 की मौत हो जाती है।

 

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