विशाखापट्टनम, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विशाखापट्टनम में पहला टी20 मुकाबला रोमांचक तरीके से समाप्त हुआ। ऑस्ट्रेलिया से मिले 209 रनों के लक्ष्य को टीम इंडिया ने 8 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। भारतीय टीम ने अंतिम गेंद पर नाटकीय अंदाज में मुकाबला जीता।
भारतीय टीम को अंतिम गेंद पर मैच जीतने के लिए 1 रन की दरकार थी। रिंकू सिंह क्रीज पर थे। सीन एबोट ने गेंद डाली और रिंकू ने इसे लॉन्ग ऑन के ऊपर से छह रन के लिए खेल दिया। गेंद दर्शकों में जाकर गिरी लेकिन अम्पायर ने इसे छह रन करार नहीं दिया।
सीन एबोट ने ओवर स्टेपिंग कर दी थी और यह एक नो बॉल थी। इस वजह से एक रन छक्के से पहले ही काउंट हो गया और टीम इंडिया की गेंद भी शेष ही बच गई। रिंकू के शॉट पर छह रन काउंट नहीं किये गए। नियमों में यही है कि अगर बाउंड्री या रन लेने से पहले नो बॉल है, तो वही रन काउंट होता है। बाकी रन बाद में जुड़ेंगे लेकिन यहाँ रन जुड़ते ही विपक्षी टीम का स्कोर पार हो गया और टीम इंडिया जीत गई।
अगर यह गेंद एक लीगल डिलीवरी होती, तो रिंकू सिंह का शॉट छक्का ही माना जाता। पूरे छह रन उनके खाते में जुड़ते। हालांकि यह छह रन तो नहीं जुड़े लेकिन फैन्स को सक धमाकेदार शॉट देखने को जरुर मिल गया। हर किसी ने रिंकू की तारीफ की। वह 22 रन बनाकर नाबाद लौटे।
सहवाग को इस नियम के कारण एक बार श्रीलंका ने शतक से रोक दिया था। सहवाग 99 पर खेल रहे थे और टीम को जीतने के लिए 1 रन की सरकार थी। गेंदबाज सूरज रणदीव ने नो बॉल डाली। सहवाग ने छक्का जमाया लेकिन काउंट नहीं हुआ। यह जानबूझकर किया गया, इस वजह से रणदीव को एक मैच के लिए बैन कर दिया गया।