नई दिल्ली, केंद्रीय विद्यालय संगठन ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए सांसद और जिलाधिकारी कोटे से विद्यालय में अगले आदेश तक एडमिशन पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि इससे पहले किसी भी केंद्रीय विद्यालय में सांसद और जिलाधिकारियों के लिए 10 सीटों का कोटा रहता था. अब केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इस कोटे के तहत दिए जाने वाले दाखिलों पर रोक लगा दी है।
सांसद या फिर जिलाधिकारी अपने क्षेत्र में सिफारिश पर कोटे के आधार पर 10 छात्रों को दाखिला दिला सकते थे, लेकिन अब अगले आदेश तक इस पर रोक लगा दी गई है. बता दें कि जिस तरह से सांसदों और जिलाधिकारियों केंद्रीय विद्यालय में कोटा निर्धारित था ठीक उसी प्रकार शिक्षा मंत्रालय के लिए भी 450 सीटों का कोटा हुआ करता था जो कि पिछले साल ही पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया था।
वहीं केंद्रीय विद्यालय में सांसदों के कोटे पर अपनी बात रखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हमें अपने अधिकार का प्रयोग क्या कुछ चंद लोगों के हित के लिए करना चाहिए या फिर सांसद के तौर पर सभी लोगों के लिए समान धारणा के काम करने की जरूरत है।
बता दें कि इस बार केंद्रीय विद्यालय संगठन ने फैसला लिया है कि केवीएस में उन छात्रों को प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता पिता को खो दिया. जानकारी के अनुसार इस वर्ष केंद्रीय विद्यालय में किसी भी कक्षा में प्रवेश दिए जाने पर इन नियमों का प्रयोग किया जाएगा।