नई दिल्ली अब आप यूपीआई यानी यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस के जरिए भी कैश डिपॉजिट मशीन से पैसे जमा कर सकेंगे। केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस संबंध में जानकारी दी है।
चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों के बारे में बताते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई का यूपीआई के जरिये कैश डिपॉजिट करने की सुविधा देने का प्रस्ताव है। हालांकि, इस सुविधा के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है लेकिन कैशलेस डिपॉजिट की दिशा में यह केंद्रीय रिजर्व बैंक का दूसरा बड़ा प्रयास है। बता दें कि वर्तमान में कैशलेस डिपॉजिट सिर्फ डेबिट कार्ड के जरिए किया जा रहा है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा-एटीएम में यूपीआई का उपयोग करके कार्डलेस कैश निकासी से प्राप्त अनुभव को देखते हुए अब यूपीआई का उपयोग करके नकदी जमा करने वाली मशीन (सीडीएम) में पैसा जमा करने की सुविधा भी प्रदान करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि यह कदम ग्राहकों के लिए चीजें सुगम और बैंकों में मुद्रा प्रबंधन प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाएगा। आरबीआई के अनुसार, बैंकों कर नकदी जमा मशीनों के उपयोग से जहां एक तरफ ग्राहकों की सुविधा बढ़ी है। वहीं बैंक शाखाओं में नकदी-जमा करने को लेकर दबाव कम हुआ है। अब यूपीआई की लोकप्रियता और स्वीकार्यता को देखते हुए बिना कार्ड के नकद जमा करने की सुविधा देने का प्रस्ताव किया गया है।
जानकारों के मुताबिक ये उन ग्राहकों के लिए भी राहत की बात है जो नकद रकम लेकर कैश डिपॉजिट मशीन तक पहुंचते हैं। आमतौर पर ग्राहक नकद रुपये लेकर जाते हैं और कैश डिपॉजिट मशीन के जरिए किसी अन्य के बैंक अकाउंट में जमा कर देते हैं। जानकारों का अनुमान है कि इस प्रक्रिया को यूपीआई के जरिए होने से आपको कैश कैरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मतलब ये कि आपके कैश डिपॉजिट मशीन पर एक स्कैनर आएगा और वहां जरूरी वेरिफिकेशन के बाद स्कैन कर पैसे जमा कर सकेंगे।
नोट की समस्या का समाधान
अकसर देखा गया है कि कैश डिपॉजिट मशीन में कई सही नोट को भी एक्सेप्ट नहीं किया जाता है। ऐसे में सही नोट का चयन करना एक बड़ी चुनौती होती है। यूपीआई की सुविधा आ जाने से ग्राहकों की यह समस्या भी दूर हो जाएगी।